वाशिंगटन, आठ जनवरी अमेरिका में भारतीय अरबपति गौतम अदाणी की गतिविधियों की जांच करने के बाइडन प्रशासन के फैसले को चुनौती देते हुए एक प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसद ने कहा है कि इस तरह की चुनिंदा कार्रवाइयों से प्रमुख भागीदारों के साथ महत्वपूर्ण गठबंधनों को नुकसान पहुंच सकता है।
सदन न्यायपालिका समिति के सदस्य सांसद लैंस गुडेन ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड को लिखे एक कड़े शब्दों वाले पत्र में पूछा कि “यदि भारत प्रत्यर्पण अनुरोध का पालन करने से इनकार कर देता है तो अमेरिका क्या करेगा।”
गुडेन ने न्याय विभाग द्वारा विदेशी इकाइयों के विरुद्ध ‘चयनित अभियोजन’ के बारे में भी जवाब मांगा। उन्होंने इस तरह की कार्रवाइयों से अमेरिका के वैश्विक गठबंधनों और आर्थिक वृद्धि को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में भी पूछा। उन्होंने पत्र में यह भी पूछा कि क्या इसका जॉर्ज सोरोस से कोई संबंध है।
गुडेन ने सात जनवरी को अपने पत्र में लिखा, “न्याय विभाग की ‘चयनित कार्रवाइयों’ से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ महत्वपूर्ण गठबंधनों को नुकसान पहुंचने का खतरा है।”
उन्होंने कहा, “कमजोर अधिकार क्षेत्र और अमेरिकी हितों से सीमित प्रासंगिकता वाले मामलों को आगे बढ़ाने के बजाय, न्याय विभाग को विदेशों में अफवाहों का पीछा करने के बजाय, घरेलू स्तर पर बुरे लोगों को दंडित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
पांच बार के रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि अरबों डॉलर का निवेश करने वाली और अमेरिकियों के लिए हजारों नौकरियां पैदा करने वाली इकाइयों को निशाना बनाना लंबे समय में अमेरिका को ही नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा, “जब हम हिंसक अपराध, आर्थिक जासूसी और सीसीपी प्रभाव से उत्पन्न वास्तविक खतरों को नजरअंदाज कर देते हैं और उन लोगों पर हमला करते हैं जो हमारे आर्थिक वृद्धि में योगदान करते हैं, तो यह उन मूल्यवान नए निवेशकों को हतोत्साहित करता है जो हमारे देश में निवेश करने के लिए आशान्वित हैं।”
गुडेन ने कहा, “निवेशकों के लिए अनचाहे और राजनीतिक रूप से आवेशित माहौल केवल अमेरिका के औद्योगिक आधार और आर्थिक वृद्धि को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को अवरुद्ध करेगा, तथा बढ़ते निवेश के साथ अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिबद्धता को सीधे तौर पर कमजोर करेगा।”
उन्होंने कहा, “चूंकि इन निर्णयों का समय बाइडन प्रशासन के अंत के समय है, इसलिए चिंताएं पैदा होती हैं कि यहां एकमात्र सच्चा लक्ष्य राष्ट्रपति ट्रंप के लिए व्यवधान पैदा करना है।”
गुडेन ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से दो सप्ताह पहले पत्र में यह बात कही।
उन्होंने कहा, “मैं न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा हाल ही में विदेशी इकाइयों के खिलाफ मामलों की चयनित कार्रवाई के बारे में पूछताछ करने के लिए लिख रहा हूं। यह अमेरिका के वैश्विक गठबंधनों पर अपूरणीय रूप से दबाव डाल सकता है।”
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