नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में 100 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जारी जांच के तहत हरदोई जिले में स्थित एक फार्मेसी संस्थान के चेयरमैन को गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा है कि जीविका फार्मेसी संस्थान के चेयरमैन एवं डॉ बी. आर. आम्बेडकर एजुकेशनल सोसाइटी, हरदोई के प्रबंधक राम गोपाल को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया और लखनऊ स्थित विशेष पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम अधिनियम) अदालत ने आरोपी को जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया.
मामले में ईडी द्वारा की गयी यह पांचवीं गिरफ्तारी है. उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी से धन शोधन का यह मामला उत्पन्न हुआ था.
ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि विभिन्न संस्थानों के प्रबंधकों और न्यासियों ने ‘फर्जी’ छात्रों को अपने संस्थानों में दाखिला दिलाया और जरूरतमंद छात्रों के लिए सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने के उद्देश्य से सरकारी पोर्टल पर उनके नाम पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया. इसमें कहा गया है कि इस संबंध में सभी औपचारिकताएं संस्थानों द्वारा विभिन्न एजेंटों के माध्यम से पूरी की गईं.
एजेंसी के अनुसार, इस तरह से प्राप्त छात्रवृत्ति कॉलेजों के खातों में स्थानांतरित कर दी गई और उसके बाद नकदी निकाल ली गई या अंततः मालिकों/प्रबंधकों/न्यासियों या परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत खातों में अंतरित कर दी गई. एजेंसी ने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप 100 करोड़ रुपये से अधिक सरकारी धन का गबन हुआ. ईडी ने इस मामले में आरोप पत्र दायर दाखिल है और अब तक विभिन्न आरोपियों की 6 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. यह छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), पीएच (शारीरिक रूप से अशक्त) छात्रों और अल्पसंख्यक समुदायों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों की शिक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाती है.
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