विदेश की खबरें | असामान्य शांत और बादल वाले मौसम से वर्ष 2021 में दोबारा बढ़ा जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. बर्मिंघम (ब्रिटेन), 16 जनवरी (द कन्वरसेशन) ब्रिटेन में वर्ष 2021 के दौरान पवन चक्कियों और सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन में कमी आई। वर्ष 2016 के बाद पहली बार पवन ऊर्जा उत्पादन में गिरावट आई, जबकि सौर ऊर्जा में पहली बार कमी देखी गई है।

बर्मिंघम (ब्रिटेन), 16 जनवरी (द कन्वरसेशन) ब्रिटेन में वर्ष 2021 के दौरान पवन चक्कियों और सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन में कमी आई। वर्ष 2016 के बाद पहली बार पवन ऊर्जा उत्पादन में गिरावट आई, जबकि सौर ऊर्जा में पहली बार कमी देखी गई है।

हमारे अनुसंधान समूह ने ऊर्जा प्रणाली पर नजर रखा और मौजूदा आंकड़ों का गहन अध्ययन किया। इसने हमें कम कार्बन उत्सर्जन के लिए जीवाश्म ईंधनों से दूरी बनाने की चुनौतियों पर अनूठी अंतरदृष्टि प्रदान की।

तो हमें निराश करने वाले साल से क्या सीख लेनी चाहिए?

वर्ष 2021 में पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशत पवन ऊर्जा और 30 प्रतिशत सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ। यह तब हुआ जब दोनों तकनीकों से रिकॉर्ड स्तर पर उत्पादन के लिए उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया था।

हालांकि, यह अधिक क्षमता वर्ष 2021 में हवा की कम औसत गति की क्षतिपूर्ति नहीं कर सकी, जिसका अभिप्राय है कि पवन की गति 12 प्रतिशत कम रही।

वर्ष 2000 से 2020 के बीच पूरे ब्रिटेन में साल भर हवा की गति 8.8 नॉट रही, लेकिन जनवरी 2021 से नवंबर 2021 के बीच यह आंकड़ा महज 7.8 नॉट रहा (वर्ष 2010 में भी ऐसा ही साल रहा था, जब जनवरी से नवंबर के बीच हवा की औसत गति 8.0 नॉट से कम रही थी) ।

ब्रिटेन में खासतौर पर 2020 के मुकाबले, 2021 में अपेक्षाकृत कम चमकीली धूप वाले दिन होने की वजह से सौर ऊर्जा उत्पादन में सात प्रतिशत की गिरावट आई। गौरतलब है कि 2020 में असामान्य रूप से अधिक धूप वाले दिन रहे।

वर्ष 2021 के दौरान अपेक्षाकृत कम पवन और सौर संसाधन के नुकसान को फ्रांस में समुद्र के नीचे बिछे केबल को हुई क्षति और परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में कमी ने और बढ़ा दिया।

इससे मांग को पूरा करने लिए जीवाश्म ईंधन (अधिकतर गैस) का उत्पादन बढ़ा है। इसका अभिप्राय है कि वर्ष 2012 के बाद पहली बार पिछले साल के मुकाबले कोयले से बिजली का उत्पादन अधिक हुआ है।

‘नेट जीरो’ की योजना

पवन और सूरज से साल-साल दर उत्पादन अलग रहा है और इसका निराकरण करने के लिए ऐसी ऊर्जा प्रणाली डिजाइन करनी होगी ताकि उत्सर्जन ‘नेट जीरो’ हो। आखिरकार ये मौसम आधारित नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य की बिजली उत्पादन क्षमता का बड़ा हिस्सा है और इनकी मांग सर्दियों में गर्मी के लिए बिजली के इस्तेमाल और परिवहन की वजह से बढ़ेगी।

प्रणाली को उत्पादन में आने वाले अंतर को संज्ञान में लेना होगा और महीनों तथा सालों के लिए अतिरिक्त ऊर्जा के उत्पादन और भंडारण की व्यवस्था करनी होगी, खासतौर पर तब के लिए जब पवन और सौर संसाधन कहीं कम हो।

कम समय - जैसे कुछ घंटो या दिनों- के लिए प्रणाली को संतुलित करने के वास्ते बैटरी उपयुक्त है, जो मध्यम और ऋतु के स्तर पर कमी को पूरा करने के लिए उल्लेखनीय चुनौती पेश करते हैं।

केबल के जरिये बिजली या पाइप के जरिये कम कार्बन उत्सर्जन वाले ईंधन का आयात मददगार हो सकता है।

कम पवन ऊर्जा होने के साथ बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन प्राकृतिक गैस से होता है और इन बदलावों के बाद बिजली का थोक मूल्य भी सितंबर 2021 में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया जो जनवरी 2021 के मुकाबले ढाई गुना था।

अगर पवन और सौर संसाधन वर्ष 2022 में पुराने स्तर पर आते हैं तो हम इस साल इन प्रौद्योगिकी से रिकॉर्ड बिजली उत्पादन की उम्मीद कर सकते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक गैस के उच्च मूल्य का मुकाबला करने में मदद करेगा।

(द कन्वरसेशन)

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