Russia-Ukraine War: पीएम नरेंद्र मोदी ने की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात, तत्काल हिंसा रोकने की अपील

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और उसके शहरों तथा सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और गोलीबारी की. यूक्रेन सरकार के मुताबिक, रूसी टैंक और सैनिक सीमा पर घूम रहे हैं. यूक्रेन ने रूस पर ''पूर्ण युद्ध'' छेड़ने का भी आरोप लगाया.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: Facebook/PIB)

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से बात की. इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान दोहराया कि रूस और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) समूह के बीच मतभेदों को सिर्फ ‘‘ईमानदार और गंभीर’’ वार्ता से ही सुलझाया जा सकता है. Ukraine-Russia War: रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री मोदी की अहम बैठक, रूसी राष्ट्रपति से बात कर सकते हैं PM

पीएमओ के अनुसार, प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

पुतिन से बातचीत से पहले प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की और इसमें भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए.

आधिकारिक सूत्रों की ओर से जारी एक वीडियो के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी भी इस बैठक में शामिल हुए. हालांकि गोयल और पुरी सीसीएस के सदस्य नहीं हैं. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा सहित कई शीर्ष स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे.

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और उसके शहरों तथा सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और गोलीबारी की. यूक्रेन सरकार के मुताबिक, रूसी टैंक और सैनिक सीमा पर घूम रहे हैं. यूक्रेन ने रूस पर ''पूर्ण युद्ध'' छेड़ने का भी आरोप लगाया.

यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की घोषणा के साथ ही पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी भी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.''

यूक्रेन पर रूसी हमलों में आई तेजी के बाद भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है. साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत से समर्थन मांगा.

उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है. पोलिखा ने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं, जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन सुनते हैं तथा नयी दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर सकती है.

यूक्रेन में तेजी से बदलती स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है. सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों, विशेषकर वहां पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है. इस सिलसिले में दूतावास की ओर से आज भी एक परामर्श जारी किया गया. महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

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