देश की खबरें | उद्धव ठाकरे की पार्टियों को सलाह : सतर्क रहिए, जो शिवसेना के साथ हुआ, वह आपके साथ भी हो सकता है
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘असली शिवसेना’ मानने के फैसले के बाद सभी पार्टियों को अपनी आंखे खुली रखने और सतर्क रहने की जरूरत है।
मुंबई, 19 फरवरी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘असली शिवसेना’ मानने के फैसले के बाद सभी पार्टियों को अपनी आंखे खुली रखने और सतर्क रहने की जरूरत है।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को शिंदे नीत गुट को वास्तविक शिवसेना के तौर पर मान्यता देते हुए पार्टी का चुनाव निशान ‘धनुष बाण’ को भी उसे आवंटित कर दिया था। यह फैसला ठाकरे के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि उनके पिता बाल ठाकरे ने वर्ष 1966 में इस पार्टी की स्थापना की थी।
उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों से यहां संवाद करते हुए ठाकरे ने कहा,‘‘जो शिवसेना के साथ हुआ, जिस तरह से हमारे साथ व्यवहार किया गया, वह आपके साथ भी हो सकता है। सभी पार्टियों को अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप मेरे पिता का चेहरा चाहते हैं लेकिन उनके बेटे का नहीं। मैं आपके साथ आने को तैयार था। जब मैं अपने पिता को दिए वादों को पूरा करना चाहता था तब आप मुझे धोखा देंगे तो मैं क्या करता?’’
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘ मैं कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मुझे मुख्यमंत्री बनने को कहा क्योंकि संभव था सरकार नहीं बनती। क्या भाजपा ने अपने वादे को पूरा किया जिसमें ढाई-ढाई साल तक शिवसेना और भाजपा का मुख्यमंत्री बनना था?’’
उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के कुछ लोगों ने बगावत की, जो जाना चाहते हैं वे जा सकते हैं, उन्हें दूसरी पार्टी से विलय करना चाहिए था, लेकिन वह मुझे घर से बाहर फेंक उस पर कब्जा करना चाहते हैं।
ठाकरे ने कहा कि मेरे पिता ने इस पार्टी को सींचा है और शिवसैनिकों ने समर्थन किया है, लेकिन अब वे मालिक बनना चाहते हैं और हमारी संस्थाएं ऐसी हैं कि उसने घर के मालिक को ही घर का चोर बना दिया है; देश में यह क्या हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जो भी हो रहा है, अच्छा है क्योंकि लोग आक्रोशित हैं और महसूस कर रहे हैं कि गलत हुआ है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ निर्वाचन आयोग के आदेश पर मुगैम्बो खुश हुआ।’’
ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने उन्हें कांग्रेस और राकांपा के साथ हाथ मिलाने के लिए मजबूर किया क्योंकि उसने किए गए अपने वादे का सम्मान नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भाजपा को छोड़ा है हिंदुत्व को नहीं। मैं भाजपा के लोगों को विभाजित करने वाले हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करता। भाजपा हिंदुओं को चुनाव के समय ‘हिजाब’, ‘गो हत्या’ का मुद्दा उठाकर भ्रमित कर रही है जो अब जाग चुके हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि मुंबई में हाल में हिंदू आक्रोश मोर्चा निकाला, जब देश में शक्तिशाली नेता शासन कर रहे हैं तो ‘आक्रोश’ क्यों है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिस नेता को हमने मजबूत भारत के लिए चुना, वह खुद मजबूत बन गया है जबकि देश कमजोर हो गया है।’’
शिंदे गुट को शिवसेना नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले को ‘अन्याय’ करार देते हुए उद्धव ने कहा, ‘‘यह गंदी राजनीति है। अगर आप शिवसेना के खिलाफ लड़ना चाहते हैं तो चुनावी मैदान में आएं, लोगों को फैसला करने दें।’’
उन्होंने कहा कि शिवसेना कभी मुस्लिमों और उत्तर भारतीयों के खिलाफ नहीं रही। उद्धव ने कहा, ‘‘जो भी भारत को अपनी मातृभूमि मानते हैं, वे सभी हमारे भाई हैं।’’
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