उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और भाजपा एक दूसरे को ‘कमलाबाई’ और ‘पेंगुइन सेना’ कह साध रही निशाना
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच लगातार कड़वाहट बढ़ती जा रही है तथा दोनों दल लगातार एक दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं. शिवसेना, भाजपा पर ‘कमलाबाई’ कहकर निशाना साध रही है, जबकि भाजपा उसे ‘पेंगुइन सेना’ कह कर उस पर जवाबी हमले कर रही है.
मुंबई, 2 अक्टूबर : उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच लगातार कड़वाहट बढ़ती जा रही है तथा दोनों दल लगातार एक दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं. शिवसेना, भाजपा पर ‘कमलाबाई’ कहकर निशाना साध रही है, जबकि भाजपा उसे ‘पेंगुइन सेना’ कह कर उस पर जवाबी हमले कर रही है. भाजपा के चुनाव चिह्न ‘कमल’ के संदर्भ में शिवसेना के ठाकरे खेमे ने ‘कमलाबाई’ शब्द गढ़ा है. वहीं, भाजपा ठाकरे नीत शिवसेना पर हमला करने के लिए ‘पेंगुइन सेना’ शब्द का इस्तेमाल कर रही है क्योंकि उद्धव ठाकरे के बेटे व शिवसेना की युवा शाखा के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे की मुंबई में पेंगुइन लाने की महत्वकांक्षी योजना थी. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल से मुंबई के भायकुला चिड़ियाघर में आठ हम्बोल्डट पेंगुइन लाए गए थे.
ठाकरे खेमा की लड़ाई भाजपा तक ही सीमित नहीं है बल्कि वह राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके नेतृत्व में बगावत करने वाले विधायकों के गुट पर भी तीखे हमले कर रहा है. ठाकरे खेमा शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों को ‘गद्दार’ करार दे रहा है और उनपर ‘50 खोखा’ (महाराष्ट्र में एक करोड़ रुपये को एक खोखा कहा जाता है) कहकर तंज कस रही है. ठाकरे खेमा का आरोप है कि बागी विधायकों ने 50 करोड़ रुपये के बदले में अपनी निष्ठा बदली. बागी विधायकों पर हमले का सिलसिला जारी रखते हुए आदित्य ठाकरे ने पिछले महीने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत को ‘केकड़ा’ करार दिया था. यह जुबानी जंग सबसे धनी नगर निकाय बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएससी) चुनाव से पहले और तेज होने की उम्मीद है क्योंकि दोनों पक्ष इस चुनाव को जीतने की कोशिश करेंगे. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार संदेश: हम साथ खड़े हैं, जो बंटे हैं वे गिरेंगे
शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों के बगावत के बाद ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार 29 जून को गिर गई थी. इसके अगले दिन शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. उसके बाद से ही ठाकरे नीत शिवसेना और भाजपा की जंग और तेज हो गई. शिवसेना ने भाजपा के लिए ‘कमलाबाई’ का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. ‘कमल’ का अभिप्राय भाजपा का चुनाव चिह्न है और ‘बाई’ का मराठी में अर्थ महिला होता है. इसकी शुरुआत पिछले महीने तब हुई, जब शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा के लिए ‘कमलाबाई’ शब्द का इस्तेमाल किया.
इसके जवाब में भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने ‘सामना’ के संपादक की जिम्मेदारी भी निभा रहे उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर पूछा कि क्या उनके खेमा को ‘पेंगुइन सेना’ कहा जाए. हालांकि, इसके बावजूद शिवसेना ने भाजपा के लिए ‘कमलाबाई’ शब्द का इस्तेमाल जारी रखा और जवाब में भाजपा ने भी ठाकरे नीत शिवसेना को ‘पेंगुइन सेना’ कहना शुरू किया. कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ पत्रकार कुमार केतकर ने ‘पीटीआई-’से बातचीत में कहा, ‘‘कमलाबाई शब्द का इस्तेमाल अकसर दिवंगत बाल ठाकरे निजी बातचीत में करते थे और बाद में इस शब्द का इस्तेमाल ‘सामना’ में किया गया.’’