देश की खबरें | कुलगाम में माता-पिता की अपील पर दो आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया:पुलिस

श्रीनगर, छह जुलाई हाल में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती हुए दो नवयुवकों से उनके माता-पिता द्वारा की गयी भावुक अपील बुधवार को रंग लायी और उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नदीम अब्बास भट (18)और काफिल मीर (19) एक पखवाड़े पहले ही लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए थे। उनके अनुसार नदीम अब्बास भट कैमोह के राशिपुरा का और काफिल मीर मीरपुरा का निवासी है।

खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस एवं सेना ने कुलगाम जिले के हादीगाम इलाके में एक घेराबंदी की जहां उन्हें दो आतंकवादियों के छिपे होने का अंदेशा था। आधी रात को कुछ देर तक मुठभेड़ चली और सुरक्षाबलों ने उस मकान की घेराबंदी मजबूत कर दी ।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात दो बजे स्पष्ट हो गया कि दोनों नये रंगरूट हैं जिससे सुरक्षाकर्मियों को उनकी पहचान करने तथा उनके परिवार के सदस्यों का पता लगाने का प्रोत्साहन मिला।

रात करीब ढाई बजे मुठभेड़ पूरी तरह रोक दी गयी ताकि उनके माता-पिता अपने घर से आ पाएं एवं अपने बेटों से आत्मसमर्पण की अपील कर पाएं।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ माता-पिता द्वारा बार बार की गयी गुजारिश आखिरकार रंग लायी और दोनों ने बाहर आकर सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।’’’

इस बीच, श्रीनगर स्थित रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल एमरोन मुसावी ने बताया कि जब यह पता चला कि दोनों ही नये भर्ती किये गये स्थानीय लोग हैं तथा उनके परिवार मुख्यधारा में उनकी वापसी के लिए आतुर हैं , तब सुरक्षाबलों ने संयम दिखाया एवं वे दोनों आतंकवादियों की ओर से गोलीबारी जारी रहने के बाद भी उनसे नहीं उलझे।

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘‘ सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयम दिखाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी उस मकान से निकल नहीं पाएं। इस बीच, उनके परिवारों को आत्मसमर्पण की अपील करने के लिए मुठभेड़ स्थल पर लाया गया। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इन आतंकवादियों के माता-पिता एवं सुरक्षाबलों ने सुबह तक बार-बार उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील की। दोनों ने आखिरकार अपने हथियार डाल दिये एवं आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें बाद में जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया गया। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किया गया।’’

कर्नल मुसावी ने कहा, ‘‘लश्कर और आईएसआई की शह पर इन नवयुवकों को पट्टी पढ़ायी गयी तथा राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां एवं हत्याएं करने का जिम्मा दिया गया। सुरक्षाबल गुमराह युवाओं को हथियार डालने एवं आतंकवाद के रास्ते से वापसी के वास्ते प्रात्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ’’

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों एवं इन आतंकवादियों के अभिभावकों की तारीफ की जिन्होंने उन्हें हथियार डालने एवं आत्मसमर्पण के लिए मनाया। उन्होंने कहा कि उन युवाओं को दूसरा मौका देने के लिए ऐसी कोशिश जारी रहनी चाहिए जो आतंकवाद की राह पर चल पड़े हैं।

इस बीच, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि यदि हर माता-पिता आतंकवाद की राह पर चल रहे अपने बच्चों से हिंसा का मार्ग छोड़ देने की अपील करे तो कई जिंदगियां बच सकती हैं।

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