कोलकाता, 30 मई पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को यह दावा किया कि यदि पार्टी ने ‘‘अपने दरवाजे खोल दिये’’ तो भाजपा का बंगाल में अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
बनर्जी ने साथ ही इस बात पर जोर भी दिया कि ‘‘पीठ में छुरा घोंपने वालों’’ को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर के लिए कथित खींचतान के बीच टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी ‘‘काडर’’ दूसरे स्थान पर हैं।
डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘‘पुराने समय के लोग जिन्होंने पार्टी के लिए वर्षों तक कड़ी मेहनत की, वे इसकी वास्तविक संपत्ति हैं और पार्टी में शामिल होने वाले नये सदस्यों को उनके स्थान पर तरजीह नहीं दी जाएगी।’’
उन्होंने बैरकपुर लोकसभा सीट के श्यामनगर इलाके में एक रैली में कहा, ‘‘अगर मैं उन लोगों के नाम बताऊंगा जो हमारे संपर्क में हैं, तो आप सभी चकित रह जाएंगे। अगर हम अपने दरवाजे खोलेंगे, तो बंगाल में भाजपा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। हमने अपने दरवाजे बंद रखे हैं और हम पीठ में छुरा घोंपने वालों के लिए इन्हें नहीं खोलेंगे।’’ इस क्षेत्र से सांसद अर्जुन सिंह पिछले सप्ताह भाजपा छोड़कर टीएमसी में लौट आये थे।
बनर्जी ने कहा कि सिंह वापस लौट आए क्योंकि उन्होंने समझा कि ‘‘बंगाल में भाजपा का उदय राज्य के लिए खतरे को आमंत्रित करने के बराबर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव से पहले यह सोचकर टीएमसी छोड़ दी कि भाजपा सत्ता में आएगी। कई 'मीर जाफर' (प्लासी की लड़ाई में नवाब सिराज उद्दौला को धोखा देने वाला जनरल) और गद्दार हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं लेकिन उन्हें अंदर नहीं आने दिया जाएगा।’’
ममता बनर्जी के बाद पार्टी में नंबर दो के स्थान को लेकर आंतरिक विवाद की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता ही हैं जो पार्टी की ‘‘असली सम्पत्ति’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी नंबर एक हैं और हमारी पार्टी में नंबर 2 हमारे काडर हैं। वे हमारा असली खजाना हैं। हम सभी ममता बनर्जी के सैनिक हैं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि भाजपा अगले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में एक भी सीट न जीत पाये।’’
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस महीने की शुरुआत में, राज्य में पार्टी के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ मनाते हुए, अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर उन्हें मुख्यमंत्री के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया था।
बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आंतरिक कलह के कारण टीएमसी ‘‘विघटित’’ हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी छोड़ने वालों का कोई महत्व नहीं है। हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत हैं।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ ही मुकुल रॉय और चार अन्य विधायकों के पिछले साल विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, टीएमसी में शामिल होने के बाद से भाजपा की राज्य इकाई अपने नेताओं को एकजुट रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
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