तृणमूल कांग्रेस ने आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर की मौत के राजनीतिकरण की आलोचना की

कोलकाता, 5 सितंबर : तृणमूल कांग्रेस ने पिछले महीने एक सरकारी अस्पताल की महिला डॉक्टर की मौत का कथित तौर पर राजनीतिकरण करने के लिए बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों की आलोचना की. पत्रकारों से बात करते हुए तृणमूल नेता और मंत्री शशि पांजा ने भाजपा पर न्याय मांगने के बदले इस त्रासदी से राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने ऐतिहासिक बलात्कार-विरोधी विधेयक पारित किया. विधेयक पर चर्चा करते हुए एक भाजपा विधायक ने कहा कि पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय मिलना चाहिए और अगर इसमें कोई देरी हुई तो सीबीआई को बख्शा नहीं जाएगा.” पांजा ने दावा किया कि भाजपा अन्य दलों के साथ मिलकर राजनीतिक चालें चल रही है, जिससे पीड़िता के माता-पिता की परेशानी बढ़ रही है. उन्होंने कहा, “भाजपा इस मामले का राजनीतिकरण करके न्याय नहीं मांग रही है. इससे पीड़िता के माता-पिता की भावनाएं आहत हो रही हैं.” उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसे फर्जी वीडियो के प्रसार की भी निंदा की, जिनमें से एक में कहा गया है कि पीड़िता के माता-पिता को चुप रहने के लिए रिश्वत दी गई थी, तथा दूसरे वीडियो में इस दावे का खंडन किया गया है. पांजा ने आरोप लगाया कि ये वीडियो भाजपा के आईटी सेल द्वारा फैलाए जा रहे हैं. यह भी पढ़ें : R.G Kar College Rape & Murder Case: आरजी कर मामले में सीबीआई को मिला नया सुराग, संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ीं

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीड़िता के माता-पिता केवल न्याय की मांग कर रहे हैं, तथा आग्रह किया कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. पांजा ने अपराधियों को शीघ्र एवं कठोर सजा देने की मांग की तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की निंदा करते हुए इसे पीड़िता के साथ अन्याय बताया. उन्होंने कहा, “सीबीआई को जांच में तेजी लानी चाहिए.” पांजा ने कहा, “जब तृणमूल कांग्रेस समेत हर कोई न्याय की गुहार लगा रहा है, तो राजनीति नहीं होनी चाहिए. हम त्वरित न्याय और दोषियों के लिये कड़ी सजा चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) फिलहाल मामले की जांच कर रहा है और उच्चतम न्यायालय ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है.

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रत्य बसु ने कहा कि कोलकाता पुलिस द्वारा 23 दिन पहले सभी प्रासंगिक दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए जाने के बावजूद एजेंसी की ओर से कोई महत्वपूर्ण प्रगति या संचार नहीं हुआ है. उन्होंने सीबीआई की पारदर्शिता की कमी और सबूतों से छेड़छाड़ के भाजपा के दावों पर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा, “भाजपा कह रही है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है. हम जानना चाहते हैं कि किन सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है. सीबीआई की ओर से यह चुप्पी क्यों है?” नौ अगस्त को डॉक्टर की मौत के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये और पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए.