रायपुर, 12 मई छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मध्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन से राज्य के मजदूरों की वापसी शुरू हो गई है। मंगलवार को लिंगमपल्ली से चलकर विशेष ट्रेन रायपुर पहुंची।
मुश्किलों का सामना करने बाद अपने राज्य पहुंचने वाले यह श्रमिक अपने भविष्य को लेकर चिंतित जरूर दिखे लेकिन उनके चहरे पर घर पहुंचने का संतोष भी नजर आया।
मंगलवार को लिंगमपल्ली (हैदराबाद) से चल कर विशेष ट्रेन रायपुर पहुंची। रायपुर लौटे प्रवासी मजदूरों में गरियाबंद जिले का नरेंद्र भी शामिल है। नरेंद्र लंबा सफर तय करने के बाद अब अपने राज्य में है। जिला प्रशासन ने नरेंद्र को अन्य मजदूरों के साथ बस में बिठा दिया है। बस मजदूरों को लेकर गरियाबंद रवाना होगी और 90 किलोमीटर के सफर के बाद नरेंद्र अपने गांव में होगा।
नरेंद्र हैदराबाद में पाइपलाइन बिछाने का काम कर रहा था। इस दौरान उसे वहां बेहतर मजदूरी भी मिल रही थी। मार्च में जब कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया तब नरेंद्र वहीं फंस गया। तब से वह घर लौटने की कोशिश कर रहा था।
छत्तीसगढ़ वापस आने के बाद नरेंद्र ने कहा कि वह सुरक्षित अपने घर लौट आया है। इसके लिए उसने सरकार को धन्यवाद भी दिया।
जब नरेंद्र से उसके भविष्य के बारे में पूछा गया तब उसने कहा कि वह अब आगे क्या करेगा उसे नहीं पता। उसका उद्देश्य अपने घर लौटना था।
राज्य में जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नरेंद्र के साथ ही रायपुर रेलवे स्टेशन में 178 लोग भी उतरे। इनमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर हैं तथा कुछ छात्र और अन्य लोग भी शामिल थे।
इनमें रायपुर जिले के 14, गरियाबंद जिले के 126, बस्तर जिले के 22, धमतरी के आठ, कांकेर जिले के पांच, दंतेवाडा जिले से एक और महासमुंद जिले से दो लोग शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद सभी के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा उन्हें बस से उनके पैतृक गांव रवाना किया गया। सभी लोगों को पृथक-वास केंद्र भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि रायपुर के श्रमिकों को राधस्वामी सत्संग व्यास धरमपुरा में तथा ग्राम पंचायतों के श्रमिकों को उनके गांव में ही पृथक-वास में रखा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि रायपुर पहुंचने से पहले ट्रेन राजनांदगांव और दुर्ग स्टेशन भी रूकी तथा रायपुर के बाद अंतिम पड़ाव बिलासपुर के लिए रवाना हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को दोपहर बाद एक और श्रमिक विशेष ट्रेन अहमदाबाद से बिलासपुर पहुंची जिसमें लगभग 12 सौ प्रवासी कामगार, छात्र और अन्य लोग शामिल थे।
संजीव
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