देश की खबरें | ट्रेन दुर्घटना : तमिलनाडु सरकार ने राहत कार्य में समन्वय के लिए मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल ओडिशा भेजा

चेन्नई, तीन जून तमिलनाडु सरकार ने ओडिशा से फंसे और घायल यात्रियों की वापसी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है और दुर्घटना स्थल पर बचाव एवं राहत कार्यों में समन्वय के लिए राज्य के मंत्रियों और अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 250 यात्री भद्रक से एक विशेष ट्रेन में सवार हुए हैं और वे रविवार सुबह डॉ एम जी आर चेन्नई सेंट्रल स्टेशन पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि शालीमार-कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की संलिप्तता वाले हादसे में घायल हुए तमिलनाडु के करीब 55 यात्रियों को भी राज्य लाया जा रहा है।

चेपॉक के एझिलागाम में स्थापित नियंत्रण कक्ष का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि मंत्री उदयनिधि स्टालिन और एस एस शिवशंकर राजस्व और परिवहन विभाग के सचिवों के साथ पहले ही ओडिशा के लिए रवाना हो चुके हैं।

स्टालिन ने कहा, ‘‘हमें घायलों की संख्या और अन्य विवरणों के बारे में अभी और जानकारी नहीं मिली है। मैंने वहां की सरकार के साथ बचाव कार्यों में समन्वय स्थापित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) संदीप मित्तल के नेतृत्व में एक बचाव दल भेजा है।’’

स्टालिन ने नियंत्रण कक्ष में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने शुक्रवार रात को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की थी और बालासोर में ट्रेन दुर्घटना पर अपनी संवेदना प्रकट की थी। इस ट्रेन दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मैंने अपनी ओर से हर संभव मदद की पेशकश की है।’’

तमिलनाडु सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 9445869843, टोल फ्री नंबर: 1070 और व्हाट्सएप नंबर: 9445869848 को शुरू किया है जिनके जरिए लोग प्रभावितों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी हासिल कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना और शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह केंद्र और रेलवे द्वारा पहले से घोषित दो-दो लाख रुपये और 10-10 लाख रुपये की राहत राशि के अतिरिक्त होगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पताल घायलों के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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