ताजा खबरें | मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए वित्त पोषण संबंधी ट्रंप के दावों पर संसद में बयान दें प्रधानमंत्री: सपा
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्त पोषण के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के पर सोमवार को राज्यसभा में चिंता जातई गई और इसे आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उच्च सदन में बयान देने की मांग की गई।
नयी दिल्ली, 17 मार्च भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्त पोषण के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के पर सोमवार को राज्यसभा में चिंता जातई गई और इसे आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उच्च सदन में बयान देने की मांग की गई।
राज्यसभा में शून्यकाल के तहत इस मामले को उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के रामजी लाल सुमन ने कहा कि इतने ‘गंभीर मामले’ पर सरकार का चुप रहना निश्चित रूप से संदेह पैदा करता है कि दाल में कुछ न कुछ काला है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को सदन में आकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस पर एक बयान देना चाहिए। ट्रंप, बराबर कहते रहे हैं कि हिंदुस्तान में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए हमने पैसा भेजा है। इससे ज्यादा चिंता का विषय कोई और नहीं हो सकता। सरकार का चुप रहना निश्चित रूप से दाल में काला है।’’
फरवरी माह में देश में उस समय एक राजनीतिक विवाद शुरू हो गया जब अरबपति उद्योगपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई (सरकारी दक्षता विभाग) ने दावा किया था कि उसने ‘मतदान प्रतिशत बढ़ाने’ के लिए भारत को दिए जाने वाले 2.1 करोड़ डॉलर के अनुदान को रद्द कर दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बार-बार दावा किया कि जो बाइडन के नेतृत्व वाले पिछले प्रशासन के तहत अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) ने भारत को ‘मतदान प्रतिशत बढ़ाने' के लिए 2.1 करोड़ डॉलर का वित्त पोषण आवंटित किया था।
सपा सदस्य सुमन ने इस मुद्दे को उठाते हुए उच्च सदन में कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर मामला है। भारत का वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसे कोई पैसा प्राप्त नहीं हुआ है। देश के विदेश मंत्री कहते हैं कि इसकी जांच हो रही है। इतने गंभीर मामले पर सरकार का अभी तक कोई दृष्टिकोण साफ नहीं आया है। प्रधानमंत्री की तरफ से आज तक कोई बयान नहीं आया है।’’
उन्होंने कहा कि ट्रंप बार-बार हिंदुस्तान पर आरोप लगा रहे हैं और हिंदुस्तान के बारे में इस प्रकार की बात कर रहे हैं जो सीधे तौर पर ‘हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘इतने गंभीर मामले पर सरकार का मौन रहना और ज्यादा चिंता व्यक्त करता है। हमारा खुफिया तंत्र क्या कर रहा है। इस देश में कोई विदेशी धनराशि आए, हमारे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करे और हमें यह पता ही नहीं है कि यह पैसा कहां से आया? क्यों आया? हमारे देश का खुफिया तंत्र पूरी तरह असफल है।’’
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