नयी दिल्ली, 27 अगस्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की अनेक पहलों का मकसद केवल भारत को सैन्य उपकरणों और प्रणालियों के उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाना ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उनकी आपूर्ति करना भी है।
सिंह ने प्रमुख रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की सैन्य शक्ति का स्वदेशी तकनीक पर आधारित होना महत्वपूर्ण है जिससे इसे रणनीतिक स्वायत्तता मिलेगी।
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रक्षा मंत्री ने घरेलू रक्षा उद्योग को यह आश्वासन भी दिया कि सरकार उन्हें विश्वस्तरीय उपकरणों तथा शस्त्रों के अनुसंधान एवं विकास में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम न केवल मेक इन इंडिया को लागू करना चाहते हैं बल्कि मेक फॉर वर्ल्ड के लक्ष्य को भी हासिल करना चाहते हैं।’’
सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से पिछले कुछ महीने में कई नीतिगत पहल की हैं।
सिंह ने फिक्की और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सेमिनार में कहा, ‘‘सरकार ने अनेक पहल की हैं जिससे यह बदलाव हुआ है। हम भारत और पूरी दुनिया के विकास में और अधिक सकारात्मक योगदान के लिए आत्म-निर्भर बनना चाहते हैं।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी से क्षमता आएगी और आधुनिक तकनीक वाले देश भविष्य में दुनिया का नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि भारतीय उद्योग में अपार उत्पादन क्षमता हैं।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमने निजी क्षेत्र के परीक्षण के लिए अपनी फायरिंग रेंज और परीक्षण सुविधाएं खोली हैं। हमारे रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति (डीपीईपीपी) 2020 के मसौदे में घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के अनेक उपाय हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आत्म-निर्भरता की खोज में हम सभी तरह के सुझाव और नीतिगत सुधारों के लिए तैयार हैं जिससे हमारे उद्योग को विश्वस्तरीय उपकरण और हथियारों का उत्पादन करने की क्षमता मिलेगी।’’
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