देश की खबरें | कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समय बढ़ाकर 12-16 सप्ताह किया गया : सरकार

नयी दिल्ली, 13 मई भारत सरकार ने कोविशील्ड टीके की दो डोज लगवाने के बीच के समय को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की कोविड-19 कार्य समूह की सफारिश को बृहस्पतिवार को स्वीकार कर लिया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दो डोज के बीच समय बढ़ाने की घोषणा करते हुए उक्त बात बतायी।

मंत्रालय ने कहा, लेकिन नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (एनटीएजीआई) (टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) ने कोवैक्सीन के दो डोज के समयांतर (पहला और दूसरा डोज लगने के बीच का समय) में बदलाव का कोई सुझाव नहीं दिया है।

उसने कहा, ‘‘वास्तविक समय के साक्ष्यों, विशेष रूप से ब्रिटेन से प्राप्त, के आधार पर कोविड-19 कार्य समूह कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने पर राजी हो गया है। कोवैक्सीन के दो डोज के बीच समयांतर में बदलाव की कोई सिफारिश नहीं की गयी है।’’

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड के दो डोज के बीच समयांतर फिलहाल 6 से 8 सप्ताह का है।

विभिन्न राज्यों में टीकों की कमी की खबरों के बीच केन्द्र सरकार ने यह फैसला लिया है।

दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना सहित कई राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने घरेलू उत्पादन से मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में कोविड-19 रोधी टीके की खरीद के लिए वैश्विक निविदा जारी करने का फैसला लिया है।

पिछले कुछ महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच का समयांतर बढ़ाया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह दो डोज के बीच समयांतर को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह तक कर दें।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 कार्य समूह की सिफारिश को कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) द्वारा 12 मई, 2021 को हुई बैठक में स्वीकार कर लिया गया। एनईजीवीएसी के प्रमुख नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी.के. पॉल हैं।’’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एनईजीवीएसी ने कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने के कोविड-19 कार्य समूह की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।

कोविड-19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉक्टर एन. के. अरोड़ा आईएनसीएलईएन ट्रस्ट के निदेशक हैं।

इसके सदस्यों में जेआईपीएमईआर के निदेशक और डीन डॉक्टर राकेश अग्रवाल, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप कांग, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर जे. पी. मुल्लीयाल, नयी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंट बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी) के ग्रुप लीडर डॉक्टर नवीन खन्ना, नयी दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी के निदेशक डॉक्टर अमूल्य पांडा और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉक्टर वी.जी. सोमानी शामिल हैं।

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