लातूर (महाराष्ट्र), 29 सितंबर : महाराष्ट्र (Maharashtra) के मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ स्थानों पर मंजारा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के एक दिन बाद, भारतीय वायुसेना की एक टीम ने बुधवार को लातूर के एक जलमग्न गांव में फंसे तीन लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया. जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. मराठवाड़ा में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के बाद, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को बुलाया गया और क्षेत्र के बाढ़ वाले कुछ स्थानों में फंसे लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे. आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर ने बुधवार को नागोराव किसान टिकानारे (50), उनकी पत्नी रुक्माबाई (45) और पुत्र चंद्रकांत (11) को रेनापुर तहसील के पोहारेगांव गांव से बचाया. वे बाढ़े में फंस गए थे.
पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के बाद बुधवार को आखिरकार लातूर में बारिश थमी. अधिकारियों ने पहले कहा था कि मंगलवार को भारी बारिश के बाद मंजारा बांध से पानी छोड़े जाने से मराठवाड़ा के बीड, लातूर और उस्मानाबाद जिलों के कुछ गांवों में बाढ़ आ गई. बुधवार को, बांध के कुल 18 में से 12 द्वार बंद कर दिए गए, जिससे जलाशय से पानी का बहाव कम हुआ. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया था कि पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, बाढ़ और बिजली गिरने से कम से कम 13 लोगों की मौत हुई है. यह भी पढ़ें : वैश्विक कोविड-19 मामले 23.27 करोड़ के पार, 47.6 लाख से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत
मराठवाड़ा क्षेत्र बारिश का सबसे अधिक प्रकोप झेल रहा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 560 से अधिक लोगों को बचाया है. 200 से अधिक मवेशियों की मौत हो गयी या वे बह गए और मूसलाधार बारिश में कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को मराठवाड़ा के कुछ स्थानों पर अगले 24 घंटों में ‘‘अत्यधिक भारी बारिश’’ का अनुमान लगाया था. मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के तहत आठ जिले औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड, बीड, जालना और हिंगोली आते हैं.