नयी दिल्ली, 21 दिसंबर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने के विवाद तथा विपक्षी सांसदों के निलंबन का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि संवैधानिक पदों पर बैठे जिन लोगों पर सांसदों के संरक्षण की जिम्मेदारी है, वो दलगत राजनीति का हिस्सा बनकर तथा जाति, क्षेत्र और व्यवसाय को ढाल बनाकर राजनीति कर रहे हैं और दायित्वों को पूरा करने में विफल रहे हैं.
उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति की यहां बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर ठोस रणनीति बनानी होगी तथा समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी होंगी. खरगे ने कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं की यह मांग है कि राहुल गांधी पूर्व से पश्चिम की ओर दूसरे चरण की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालें. खरगे ने कहा, ‘‘18वीं लोकसभा के चुनाव आसन्न हैं. इसी संबंध में 19 दिसंबर 2023 को ‘इंडिया’ गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली में हुई. हम कई दिशाओं में आगे बढ़े हैं। हमें समान विचारों वाले साथियों के साथ समन्वय बनाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा सीट पर जीत हासिल करनी है.’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति गठित की है, जो अन्य दलों के साथ गठबंधन की रूपरेखा तय करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कई महीनों से पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता एक स्वर में लगातार एक मांग मेरे सामने रखते रहे हैं कि राहुल गांधी जी से पूर्व से पश्चिम की ओर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालें। मैं कार्यसमिति में राहुल जी के समक्ष यह बात रखता हूं और निर्णय आप सभी पर छोड़ता हूं.’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र लगभग 24 राज्यों के साथ समीक्षा बैठक हो चुकी है। हम लोकसभा सीटों पर जल्द ही समन्वयक भी नियुक्त करेंगे। कांग्रेस के 138वें स्थापना दिवस पर 28 दिसंबर को नागपुर में हम विशाल रैली करने जा रहे हैं। वहां से एक नया संदेश जाएगा, रैली ऐतिहासिक होगी, मैं ऐसी कामना करता हूं.’’ उन्होंने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया, ‘‘इसी के साथ पार्टी ने अपनी लड़ाई को और मज़बूत करने के लिए एक बार फिर से जनता से उनका योगदान लेने के लिए उनके दरवाजे पर दस्तक दी है और “डोनेट फॉर देश” अभियान की शुरुआत की है.
आप सबसे अनुरोध है कि आप इस मुहिम के बारे में संगठन से जुड़े लोगों और जनता को अवगत कराएं.’’ खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार अहम विधेयकों को मनमाने ढंग से पारित कराने के लिए लोकतंत्र का गला घोंट रही है तथा संसद को सत्ता पक्ष के मंच के रूप में बदलने का षड्यंत्र चल रहा है.
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