खेल की खबरें | इसकी वास्तव में कोई जरूरत नहीं थी, कोहली ऐसी विरासत नहीं चाहेंगे: गावस्कर

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मेलबर्न, 26 दिसंबर महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया के पदार्पण करने वाले युवा सैम कोंस्टास के साथ विराट कोहली की टक्कर की आलोचना करते हुए कहा कि इसकी ‘कोई जरूरत नहीं’ थी और भारतीय स्टार नहीं चाहेगा कि इस तरह की घटना से उनकी विरासत धूमिल हो।

कोहली पर यहां चौथे टेस्ट के शुरुआती दिन ऑस्ट्रेलियाई पारी के 10वें ओवर में कोंस्टास से कंधा टकराने के कारण मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और आईसीसी आचार संहिता के लेवल एक का उल्लंघन करने के लिए एक डिमेरिट अंक भी उनके खाते में जोड़ा गया।

गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इसका क्या कारण था। लेकिन वास्तव में इसकी कोई जरूरत नहीं थी, हमें क्रिकेट के किसी भी स्तर पर इसकी जरूरत नहीं है, निश्चित रूप से उच्चतम स्तर पर नहीं। आप शारीरिक रूप से प्रभावित हुए बिना भी बहुत प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल सकते हैं। ’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम सभी कोहली को खेल में अब तक के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक के रूप में याद रखना चाहते हैं, ना कि किसी ऐसे खिलाड़ी के रूप में जिस पर जुर्माना लगाया गया हो या आईसीसी द्वारा प्रतिबंधित किया गया हो, हम ऐसा सुनना नहीं चाहते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप ऐसी विरासत नहीं छोड़ना चाहते हैं जहां यह एक चर्चा का विषय या एक अड़चन बन जाए। इसलिए उम्मीद है कि वह इससे सीख लेंगे और इसे फिर से नहीं दोहराना चाहेंगे। ’’

मैदान पर अपने जोशीले व्यक्तित्व के लिए जाने जाने वाले कोहली अतीत में भी कई विवादों में पड़ चुके हैं। उन्हें 2019 में दक्षिण अफ्रीका के ब्यूरन हेंड्रिक्स के साथ कंधा टकराने की घटना के लिए आईसीसी द्वारा दंडित किया गया था।

गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टकराव की भावना उनमें अंतर्निहित है, हमने हमेशा ऐसा देखा है कि वह हर विकेट, हर कैच, अपने साथियों द्वारा की गई हर अच्छी फील्डिंग का जश्न कैसे मनाते हैं। हम इसे समझते हैं और यह बहुत अच्छी बात है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि शारीरिक संपर्क नहीं होना चाहिए। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, मेरा मतलब है कि जब आप भारत के लिए खेल रहे हैं और अगर यह इतना बड़ा प्रोत्साहन नहीं है तो मुझे नहीं पता कि आपको किस प्रोत्साहन की जरूरत है। ’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘भारत के लिए खेलना इतना बड़ा सम्मान है कि हम दुनिया की 69वीं रैंकिंग वाली टीम या दुनिया की नंबर एक टीम के साथ खेल सकते हैं जो काफी प्रेरणादायक होनी चाहिए। ’’

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