देश की खबरें | पीएसी की 54 कंपनियां समाप्त कर उप्र की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश थी : योगी
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लखनऊ, 12 जुलाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए पीएसी बल को समाप्त करने की साजिश की गई थी।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को यहां पुलिस लाइन में प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) में भर्ती आरक्षियों की दीक्षांत परेड में 'मान प्रणाम' स्वीकार करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उपरोक्त दावा किया। योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ''एक साजिश के तहत उप्र पीएसी बल को समाप्त करने की कोशिश हो रही थी, जिसके तहत 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थीं।''
उन्होंने कहा, “आज जब मैं पीएसी के नवनियुक्त आरक्षियों की शानदार परेड को देख रहा था तो मुझे स्वयं अहसास हो रहा था कि वास्तव में उप्र की सुरक्षा में सेंध लगाने की कितनी बड़ी साजिश थी।”
योगी ने कहा, ''होनहार जवानों को प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बनने से रोकने के लिए उन कंपनियों को समाप्त करते हुए इन नौजवानों को प्रदेश और देश की सेवा से वंचित करने का एक कुत्सित प्रयास किया गया था।''
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भी योगी ने पीएसी के एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा था, ''जब हम उप्र में सत्ता में आए तब पीएसी की जो 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थीं, उनको बहाल करने के साथ तीन महिला बटालियन गठित करने की शुरुआत की।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे आत्मिक संतुष्टि है कि हम लोगों ने विगत पांच वर्षों के दौरान बिना किसी भेदभाव के उप्र के एक लाख 62 हजार से अधिक नौजवानों को उप्र पुलिस बल और पीएसी में भर्ती की प्रक्रिया के साथ जोड़कर प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता का विस्तार करते हुए पुलिस बल की आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाए हैं।''
उन्होंने कहा, ''हम सब जानते हैं कि 2017 में जब प्रदेश के अंदर नई सरकार का गठन हुआ था, उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस बल और पीएसी में काफी भर्तियां लंबित थीं। विगत पांच वर्ष के दौरान एक लाख 62 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती और प्रशिक्षण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।''
इस मौके पर पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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