देश की खबरें | दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 14 हजार से अधिक नए मामले आ सकते हैं: जैन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 14 हजार से अधिक नए मामले आ सकते हैं और संक्रमण दर 14 प्रतिशत के आसपास पहुंच सकती है। साथ ही कहा कि राजधानी में अभी लॉकडाउन लागू किए जाने जैसी स्थिति नहीं है।
नयी दिल्ली, छह जनवरी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 14 हजार से अधिक नए मामले आ सकते हैं और संक्रमण दर 14 प्रतिशत के आसपास पहुंच सकती है। साथ ही कहा कि राजधानी में अभी लॉकडाउन लागू किए जाने जैसी स्थिति नहीं है।
जैन ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अभी तक ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित किसी मरीज की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। अस्पतालों में बिस्तर (बेड) की उपलब्धता को लेकर भी अभी दिल्ली की स्थिति ठीक है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली में दैनिक मामले इसलिए अधिक आ रहे हैं, क्योंकि शहर में बड़ी संख्या में कोविड-19 संबंधी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम बड़ी संख्या में जांच कर रहे हैं। अगर हम ऐसा ना करें, तो दैनिक मामले 500 से 1000 हो जाएं। कई राज्य जांच नहीं करते और कहते हैं कि उनके यहां संक्रमण के मामले नहीं हैं। हम इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरत रहे हैं।’’
जैन ने कहा, ‘‘ देश में हम सबसे अधिक जांच कर रहे हैं।’’
मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली में कुछ स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन संख्या चिंताजनक नहीं है।
दिल्ली में लॉकडाउन लगाने के सवाल पर जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही रात्रिकालीन कर्फ्यू और सप्ताहांत कर्फ्यू जैसे कड़े कदम उठाए हैं, जो फिलहाल काफी हैं। अभी लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है।
मंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और गंभीर मामलों की संख्या इस बार काफी कम है।
उन्होंने कहा कि सरकार सबसे खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए तैयारियों को अंजाम दे रही है। अस्पतालों में संक्रमितों के आरक्षित बिस्तरों (बेड) की संख्या नौ हजार से बढ़ाकर 12 हजार से अधिक कर दी गई है।
जैन ने कहा कि ‘दिल्ली कोरोना ऐप’ और स्वास्थ्य बुलेटिन में अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता के आंकड़ों में विसंगति इसलिए है क्योंकि ‘‘ अस्पतालों में अधिकतर बिस्तरों को अब ऑक्सीजन सुविधा से लैस बना दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर ऐसे बिस्तरों पर मरीज हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है। इसी तरह ‘वेंटिलेटर बेड’ पर किसी मरीज के भर्ती होने का मतलब यह नहीं है कि वह वेंटिलेटर पर है।’’
मंत्री ने कहा कि किसी को यह अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि संक्रमण के मामले कब सबसे अधिक आएंगे या एक सप्ताह बाद कितने मामले सामने आएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ उचित यही है कि कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करें।’’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले महीने कहा था कि उनकी सरकार ने एक लाख मरीजों को संभालने, प्रतिदिन तीन लाख जांच करने और पर्याप्त कर्मियों, दवाओं और चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की तैयारी की है।
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