देश की खबरें | अजित पवार हेडगेवार के स्मारक पर जाएं, तो कोई दिक्कत नहीं : भाजपा नेता चित्रा वाघ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता चित्रा वाघ ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक के स्मारक पर जाते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि आरएसएस ने सभी महायुति सहयोगियों की जीत में योगदान दिया था।

मुंबई, 19 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता चित्रा वाघ ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक के स्मारक पर जाते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि आरएसएस ने सभी महायुति सहयोगियों की जीत में योगदान दिया था।

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं। गठबंधन ने पिछले महीने संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीट में से 230 पर जीत दर्ज करके राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी थी।

बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा एवं शिवसेना के कई अन्य नेताओं के साथ-साथ कुछ राकांपा विधायकों ने नागपुर में जारी विधानमंडल सत्र के दौरान रेशिमबाग में आरएसएस संस्थापक डॉ. के बी हेडगेवार के स्मारक का दौरा किया।

शिंदे ने स्मारक के दौरे के बाद कहा कि राष्ट्र निर्माण में आरएसएस के योगदान को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता और संघ परिवार तथा शिवसेना की विचारधारा एक ही है।

अजित पवार ने स्मारक का दौरा नहीं किया, हालांकि, उनकी पार्टी के दो विधायक वहां गए।

वाघ ने हेडगेवार के स्मारक के दौरे के दौरान संवाददाताओं से कहा कि अजित पवार सहित राकांपा नेताओं के रेशिमबाग जाने से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

भाजपा नेता वाघ ने कहा, ‘‘उन्होंने (आरएसएस) हकीकत में अहम भूमिका निभायी है। इतनी सीट जीतने में आरएसएस के योगदान से कोई नकार नहीं सकता। आरएसएस ने न केवल भाजपा उम्मीदवारों की जीतने में मदद की, बल्कि विधानसभा चुनाव के दौरान अपने सहयोगियों के समर्थन के लिए भी काम किया।"

वाघ ने सकारात्मक विचारधाराओं को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "किसी अच्छी विचारधारा को अपनाना अच्छी बात है। इसलिए, मुझे लगता है कि वे (राकांपा नेता) आरएसएस मुख्यालय का दौरा करेंगे। आरएसएस ने महायुति के लिए काम किया और (उसकी जीत में) महत्वपूर्ण योगदान दिया। न तो राकांपा और न ही शिवसेना कभी भी आरएसएस के योगदान से इनकार कर सकती हैं।"

जब शिवसेना नेता दादा भूसे से अजित पवार के हेडगेवार के स्मारक पर न जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं पार्टी का एक कनिष्ठ कार्यकर्ता हूं। मैं उनके फैसले पर टिप्पणी नहीं कर सकता।"

भूसे ने कहा कि हर किसी को यह तय करने का अधिकार है कि ऐसी जगहों पर जाना है या नहीं। उन्होंने कहा, "लेकिन यह सच है कि आरएसएस ने निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और विधानसभा चुनाव में महायुति की मदद की।"

हेडगेवार के स्मारक का दौरा करने वाले राकांपा विधायक राजू कारेमोरे ने कहा कि वह पार्टी के निर्देश पर नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से वहां गए थे।

उन्होंने कहा, "विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक ने स्मारक के दौरे को प्रोत्साहित करने वाले संदेश प्रसारित किए थे, जिसने मुझे वहां जाने के लिए प्रेरित किया।"

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