देश की खबरें | आरक्षण को लेकर राहुल गांधी, आंबेडकर के विचारों में कोई अंतर नहीं : हरीश रावत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर के आरक्षण को लेकर विचारों में कोई अंतर नहीं है।
देहरादून, 11 सितंबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर के आरक्षण को लेकर विचारों में कोई अंतर नहीं है।
रावत ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “कांग्रेस का मानना है कि जब तक समाज में असमानता है, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग वंचित हैं, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। यही विचार बाबा साहेब का भी था।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आरक्षण विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर आरक्षण को किसी से खतरा है तो वह भाजपा की कट्टरवादी सोच से है।
रावत ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों सहित विश्व के मंचों पर सभी प्रकार के प्रश्नों का जवाब देते हैं जबकि इसके उलट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन सबसे बचते हैं।
उन्होंने कहा, “भाजपा इस विरोधाभास को अपने झूठ से ढकना चाहती है।”
रावत ने देश के अंदर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, हर प्रकार के अल्पसंख्यक और महिलाओं को वर्तमान में सबसे ज्यादा असुरक्षित बताते हुए कहा कि ये सारे वर्ग भाजपा की सांप्रदायिक, असहिष्णुतावादी और धार्मिक नफरत फैलाने वाली सोच से असुरक्षित हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसका परिणाम भी स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है जहां न केवल तथाकथित गौ रक्षकों के आवरण में पीट-पीट कर अल्पसंख्यकों को मारा जा रहा है बल्कि दलित और वंचित वर्ग की बेटियां सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं और उनकी हत्याएं हो रही हैं।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हरिद्वार में शांतरशाह, देहरादून में आईएसबीटी में और नैनीताल के लालकुआं में तीन निर्भया कांड हो गए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में दुष्कर्म के 60 प्रतिशत मामलों में दलित बेटियां शिकार हुई हैं।
उन्होंने कहा, “सत्ता की घृणा का यह हिसाब है कि जो आर्थिक मदद इन बच्चियों को मिलनी चाहिए थी, वह भी नहीं मिल पायी।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भी एक दुर्भाग्यजनक तथ्य है कि दुष्कर्म के 60 प्रतिशत मामलों में भाजपा से जुड़े नेता संलिप्त हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि लालकुआं वाली घटना में सुनियोजित तरीके से सत्ता के प्रभाव में मेडिकल जांच को विलंबित किया गया ताकि साक्ष्य कमजोर हो जाएं और अदालत में मामला न टिक पाए।
रावत ने कहा कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह में वह उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे और वहां सरकार की विकास योजनाओं के असर को देखेंगे।
उन्होंने कहा, “प्रदेश में सड़कें पूरी तरह से बदहाल हैं। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से ठप है। ‘जलजीवन मिशन’ के नाम पर पूरे उत्तराखंड के गांवों को खोद डाला गया है। नल में पानी नहीं आया है लेकिन गड्ढे आ गए हैं।”
उन्होंने इस संबंध में राज्य सरकार को सावधान करते हुए कहा कि वह अपने भ्रमण के दौरान वीडियो भी बनाएंगे और उसे सोशल मीडिया पर साझा करेंगे ।
रावत ने कहा कि अपने भ्रमण के दौरान वह प्रदेश के सुरक्षित घोषित विधानसभा क्षेत्रों में भी जाएंगे और वहां लोगों से बात करके यह जानने की कोशिश करेंगे कि पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी को वहां हार का क्यों सामना करना पड़ा।
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