जरुरी जानकारी | देश में साइबर सुरक्षा के लिये कोई ‘जवाबदेह’ केंद्रीय संगठन नहीं: राजेश पंत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश में कई साइबर सुरक्षा संगठन हैं लेकिन ऑनलाइन क्षेत्र में सुरक्षा के लिए कोई जवाबदेह केंद्रीय निकाय नहीं है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) राजेश पंत ने मंगलवार को यह कहा।
नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर देश में कई साइबर सुरक्षा संगठन हैं लेकिन ऑनलाइन क्षेत्र में सुरक्षा के लिए कोई जवाबदेह केंद्रीय निकाय नहीं है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) राजेश पंत ने मंगलवार को यह कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति सुरक्षा व्यवस्था के तहत इस अंतर को दूर करेगी।
पंत ने कहा कि भारत में उत्कृष्ट संगठन हैं और पिछले एक साल में देश में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में ‘शानदार’ बदलाव हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर एक व्यवस्था मौजूद है लेकिन संचालन से जुड़े नियमों को लागू करने को लेकर आज कोई शीर्ष केंद्रीय संगठन नहीं है। ऐसा कोई मंत्रालय या संगठन नहीं है जिसके लिए यह कहा जा सके कि आप देश की साइबर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।’’
माइक्रोसॉफ्ट के ‘ऑनलाइन’ साइबर सुरक्षा वार्ता कार्यक्रम में पंत ने कहा, ‘‘यह पहली चीज है जिससे हमें निपटना है और यह रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार 2013 में विकसित साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर काम कर रही है।
पंत ने कहा, ‘‘अब हमें साइबर सुरक्षा रणनीति की जरूरत है। यह अंतिम मंजूरी के लिये मंत्रिमंडल के पास है। हमें संचालन के स्तर पर ढांचे की जरूरत है। अगर आज आप विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत काम करने के अपने तरीकों को देखें, हमने अच्छे संगठन प्राप्त किये हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को घोषणा की थी कि देश में एक नई साइबर सुरक्षा रणनीति पेश की जाएगी, क्योंकि आने वाले वर्षों में साइबर क्षेत्र पर निर्भरता कई गुना बढ़ने वाली है।
आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भारत को 2020 में साइबर हमलों से करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
पंत के अनुसार, महामारी के दौरान साइबर हमलों में 500 प्रतशत की वृद्धि हुई। इसका कारण डिजिटलीकरण को अपनाना है। भारत सबसे अधिक हमलों का सामना करने वाले देशों में से एक रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया इन हमलों मे से 30 प्रतिशत से अधिक अमेरिका से हुए।’’
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