देश की खबरें | कोविड-19 के मामलों में कमी देखी गई है, फिर भी सतर्क रहने की जरुरत: मांडविया ने राज्यों से कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को पांच पूर्वी राज्यों के साथ संवाद में कहा कि हालांकि अधिकांश राज्यों में कोविड​​​​-19 के उपचाराधीन मरीजों और संक्रमण दर में पिछले दो सप्ताह में कमी देखी गई है, लेकिन अभी भी सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

नयी दिल्ली, 29 जनवरी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को पांच पूर्वी राज्यों के साथ संवाद में कहा कि हालांकि अधिकांश राज्यों में कोविड​​​​-19 के उपचाराधीन मरीजों और संक्रमण दर में पिछले दो सप्ताह में कमी देखी गई है, लेकिन अभी भी सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रमुख सचिवों या अतिरिक्त मुख्य सचिवों और सूचना आयुक्तों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।

मांडविया ने उनसे दैनिक आधार पर संक्रमण दर की निगरानी करने और आरटी-पीसीआर जांच दर में वृद्धि करने का आग्रह किया, क्योंकि अधिकांश राज्यों ने ऐसी जांचों का कम हिस्सा प्रदर्शित किया।

उन्होंने कहा, “हालांकि अधिकांश राज्यों में उपचाराधीन मरीजों और संक्रमण दर में पिछले दो हफ्तों में कमी देखी गई है, फिर भी हमें सतर्क रहने और सावधान रहने की जरूरत है।’’

राज्यों को यह भी सलाह दी गई कि वे अस्पताल में भर्ती होने वालों मरीजों और मौतों की संख्या पर कड़ी नजर रखें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें सलाह दी, "राज्य स्तर पर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों, होने वाली मौतों और वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले व्यक्तियों में टीकाकरण और बिना टीकाकरण के अनुपात का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।’’

मांडविया ने कहा कि कोविड का चाहे जो भी स्वरूपों हो, ‘‘जांच-नजर रखने-इलाज-टीकाकरण और कोविड ​​​​उपयुक्त व्यवहार का पालन कोविड​​​​-19 प्रबंधन की रणनीति बनी हुई है। उन्होंने सभी राज्यों के लिए मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और आवश्यकता के अनुसार नया बनाने के लिए ईसीआरपी-द्वितीय निधि का पूरी तरह और प्रभावी ढंग से उपयोग करने की अपनी सलाह दोहराई।

उन्होंने उन्हें पीएसए संयंत्रों, एलएमओ भंडारण टैंकों और एमजीपीएस की स्थापना और उन्हें शुरू करने का कार्य तेजी से पूरा करने की याद दिलायी। यह देखते हुए कि टीकाकरण महामारी प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, मांडविया ने राज्यों को सलाह दी कि वे सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से 15-17 आयु वर्ग के और जिन्हें दूसरी खुराक देने का समय हो गया है, उनके टीकाकरण में तेजी लाएं।

ई -संजीवनी जैसे मंचों के माध्यम से टेलीकंसल्टेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने प्रत्येक जिला अस्पताल में ऐसे केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया।

बैठक में अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई। इसमें अस्पताल के आधारभूत ढांचे को मजबूत करना, जांच बढ़ाना, कोविड-उपयुक्त व्यवहार पर जोर देना और वायरस के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कड़े प्रतिबंधात्मक उपाय करना शामिल है।

समीक्षा बैठक में राज्यों ने अपने सर्वोत्तम कदमों को साझा किया। झारखंड ने टीकाकरण के लिए प्रवासी श्रमिकों का आंकड़ा एकत्रित करने की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ ने उल्लेख किया कि संक्रमित पाये गए व्यक्तियों में से टीकाकरण और गैर-टीकाकरण वाले लोगों का उचित विश्लेषण किया जा रहा है, जबकि बिहार ने घर पर पृथकवास में रह रहे मरीजों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से दवाओं की घर पर आपूर्ति की राज्य की पहल पर प्रकाश डाला।

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