विदेश की खबरें | भारत-श्रीलंका संबंधों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहा साल 2020
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों के लिहाज से साल 2020 काफी महत्वपूर्ण रहा। इस वर्ष छह साल के अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय वार्ता के जरिये समुद्री मुद्दों पर बातचीत हुई।
कोलंबो, 29 दिसंबर भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों के लिहाज से साल 2020 काफी महत्वपूर्ण रहा। इस वर्ष छह साल के अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय वार्ता के जरिये समुद्री मुद्दों पर बातचीत हुई।
श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के सत्ता पर काबिज होने के बाद दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों के प्रगाढ़ होने की उम्मीदें जगी थीं, लेकिन कुछ ही समय बाद मार्च के मध्य में कोविड-19 महामारी फैलने के साथ ही श्रीलंका बुरे वित्तीय संकट में फंस गया।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के प्रशासन ने श्रीलंका की 'पहले-भारत' की नीति को रेखांकित किया, जो भारत की 'पहले पड़ोसी' की नीति से मेल खाती है। श्रीलंका ने अपनी इस नीति के जरिये भारत के साथ संपर्क बढ़ाने की कोशिशें कीं।
महिंदा राजपक्षे अपने छोटे भाई गोटबाया राजपक्षे द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किये जाने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर फरवरी में भारत आए थे। इससे कुछ हफ्ते पहले नवंबर 2019 में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका की बागडोर संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे। उनकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका को आतंकवाद से लड़ने के लिये पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर समेत कुल 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी।
इस साल अगस्त में आम चुनाव में जीत हासिल करने वाले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सितंबर में अपने भारतीय समकक्ष के साथ ''बेहद सफल'' डिजिटल वार्ता की, जिसमें उन्होंने महामारी से लड़ने समेत कई क्षेत्रों में श्रीलंका को मदद देने के लिये मोदी की सराहना की।
श्रीलंका ने जापान के साथ संयुक्त उद्यम कोलंबो बंदरगाह के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल के संचालन पर भारत को नियंत्रण देने का फैसला किया।
राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री दोनों ने करार का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी बंदरगाह ट्रेड यूनियनों से कहा कि पिछली सिरिसेना सरकार के दौरान कोलंबो बंदरगाह के पूर्वी टर्मिनल के संचालन को लेकर सहयोग से संबंधित समझौते को पलटा नहीं जा सकता। यह संभवत: श्रीलंका की 'पहले-भारत' नीति की दिशा में आगे बढ़ने का पहला पड़ाव था।
इसके बाद इसी साल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल नवंबर में भारत श्रीलंका और मालदीव के बीच त्रिपक्षीय समुद्री वार्ता में शामिल होने कोलंबो आए। छह साल के अंतराल पर यह वार्ता हुई। इससे पहले नवंबर 2014 में नयी दिल्ली में आखिरी बार बैठक हुई थी।
इसके अलावा भी दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रयास किये गए, जिसमें महामारी के दौरान श्रीलंका के कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को उबारने के लिये इस साल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा श्रीलंका के साथ 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मुद्रा की अदला-बदली समेत कई महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं।
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