देश की खबरें | शोपियां मुठभेड़ में तीन व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जरूरत :सूत्र

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. इस साल जुलाई में शोपियां मुठभेड़ में सेना द्वारा तीन युवकों को मारे जाने की घटना के सिलसिले में एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और दो अन्य नागरिकों की भूमिका की गहन जांच किये जाने की जरूरत है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

श्रीनगर, 11 अक्टूबर इस साल जुलाई में शोपियां मुठभेड़ में सेना द्वारा तीन युवकों को मारे जाने की घटना के सिलसिले में एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और दो अन्य नागरिकों की भूमिका की गहन जांच किये जाने की जरूरत है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि तीन व्यक्ति सेना को शोपियां स्थित अमशीपुरा में युवकों के पास कथित तौर पर ले गये थे। इन तीन व्यक्तियों की भूमिका की पुलिस द्वारा गहन जांच किये जाने की जरूरत है।

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‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी’ के दौरान सेना के दो आरोपी कर्मियों के बयान दर्ज किये गये हैं और ‘समरी ऑफ एवीडेंस’ के दौरान इसकी पड़ताल की जाएगी।

‘समरी ऑफ एवीडेंस’ के दौरान किसी आरोपी के खिलाफ लगाये गये आरोप के बारे में सबूत लिखित रूप में दर्ज किया जाता है। इसे रिकार्ड में लिया जाता है। इसमें आरोपी द्वारा दिया गया कोई बयान भी शामिल होता है।

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‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी’, ने पिछले महीने अपनी जांच पूरी की। इसमें ‘प्रथम दृष्टया’ यह साक्ष्य पाया गया कि सैनिकों ने 18 जुलाई की मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) के तहत शक्तियों की सीमा पार की। इस घटना में तीन युवक मारे गये थे। इसके बाद , सेना ने अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की थी।

अमशीपुरा में मारे गये तीनों युवक-- इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार --राजौरी जिले के रहने वाले थे। उनकी पहचान की पुष्टि डीएनए जांच के जरिये हुई। इस हफ्ते की शुरूआत में बारामुला में परिजनों को उनके शव सौंप दिये गये।

इन तीन युवकों की भूमिका और पृष्ठभूमि की भी जांच की जा रही है क्योंकि शोपियां आने के उनके इरादे एवं गतिविधियों पर स्पष्टता का अभाव है।

जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा आठ अक्टूबर को तीनों युवकों के परिवारों से मिलने गये थे और संवदेना प्रकट की थी। उन्होंने मारे गये युवकों के परिवारों को आश्वस्त किया था कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन मामले में न्याय सुनिश्चित करेगा।

अधिकारियों ने बताया कि नियमों के मुताबिक दोषी सैन्य कर्मियों के खिलाफ ‘समरी ऑफ एवीडेंस’के दौरान कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामले के विवरण की पड़ताल की जाएगी। एकत्र किये गये साक्ष्य और कानून के शासन के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। सेना पारदर्शिता के उच्च मानकों का पालन कर रही है और जहां कहीं नियमों का उल्लंघन किया जाता है, अधिकारियों को दंडित करती है।

सेना की कश्मीर स्थित 15 वीं कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने शनिवार को कहा था कि सेना ने ‘समरी ऑफ एवीडेंस’ शुरू कर दिया है। दरअसल, अमशीपुरा में 18 जुलाई को हुई मुठभेड़ की आंतरिक जांच के दौरान कुछ गलत होने का प्रथम दृष्टया पता चला है।

सेना ने अपनी इस कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था।

लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, ‘‘हमने समरी ऑफ एवीडेंस का आदेश दिया है, जो जारी है और हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही पूरा जाएगा, ताकि हम अगले चरण में जा सकें। ’’

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