ताजा खबरें | कृषि कानूनों का मकसद मंडियों की दक्षता में सुधार, भंडारण सुविधओं का विकास : तोमर
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि तीन नये कृषि कानूनों का मकसद एक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान कर देश में कृषि मंडियों की दक्षता में सुधार लाना है, जिससे विपणन में तेजी आने के कारण अधिक निवेश होगा। उसने यह भी कहा कि इससे खेत के निकट भंडारण सुविधाओं सहित मूल्यवर्धित आधारभूत ढांचे को बढ़ावा मिलेगा एवं रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे ।
नयी दिल्ली, नौ मार्च केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि तीन नये कृषि कानूनों का मकसद एक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान कर देश में कृषि मंडियों की दक्षता में सुधार लाना है, जिससे विपणन में तेजी आने के कारण अधिक निवेश होगा। उसने यह भी कहा कि इससे खेत के निकट भंडारण सुविधाओं सहित मूल्यवर्धित आधारभूत ढांचे को बढ़ावा मिलेगा एवं रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे ।
लोकसभा में सुमनलता अम्बरीश और नलिन कुमार कतील के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी ।
तोमर ने कहा कि नये कृषि कानूनों कृषि उपज व्यापार और वाणिज्यिक (संवर्द्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषि सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 तथा आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का मकसद एक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान कर देश में कृषि मंडियों की दक्षता में सुधार लाना है जहां किसान उपज की बिक्री अपनी पसंद के अनुसार कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था किसानों को उनकी उपज बेचने के लिये प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक चैनलों के माध्यम से लाभकारी कीमतों की सुविधा प्रदान करती है ।
कृषि मंत्री ने कहा कि ये कृषि कानून व्यापारियों, प्रसंस्करणकर्ताओं, निर्यातकों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि सहकारी समितियों द्वारा व्यापार क्षेत्र में किसानों से प्रत्यक्ष खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं ताकि किसानों की आय बढ़ाने के लिये उन्हें बेहतर मूल्य की प्राप्ति हो सके।
उन्होंने बताया कि इन कृषि कानूनों से विपणन में तेजी आने के कारण अधिक निवेश होगा और खेत के निकट भंडारण सुविधाओं सहित मूल्यवर्धित आधारभूत ढांचे को बढ़ावा मिलेगा एवं रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे ।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान शिरोमणि अकाली दल की सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने तीन नये कृषि कानून तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा किसानों से खरीद पर भूमि रिकार्ड संबंधी शर्तों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया ।
हरसिरत ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कहा कि सरकार कहती है कि उसने एक विकल्प (तीन कृषि कानूनों के जरिये) दिया है लेकिन इस विकल्प के विरोध में किसान पिछले चार महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हुए हैं ।
उन्होंने यह भी दावा किया कि एफसीआई द्वारा खरीद में भूमि का रिकार्ड होने की बात कही गई है। उन्होंने सवाल किया कि जिस राज्य (पंजाब) में 40 प्रतिशत किसान भूमिहीन हो, वे कहां जायेंगे ?
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य में एपीएमसी कानून में किसानों को अधिकार दिया गया है लेकिन केंद्र सरकार संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है ।’’
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