जम्मू, 15 फरवरी जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद का डर खत्म करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर 73 साल विकास से वंचित रहा और इस अंतर को पाटना चुनौतीपूर्ण है लेकिन उनका प्रशासन इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं और सपनों को सुनियोजित रणनीति के तहत ‘‘कुछ लोगों द्वारा दबाया’’ गया।
उप राज्यपाल ने मुंबई में लेखक अरुण कर्माकर की किताब ‘टिप्पणे कश्मीरची, अनटोल्ड स्टोरीज’ का रविवार को विमोचन करते हुए यह टिप्पणी की।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘आतंकवाद मानवता का वास्तविक शत्रु है। आतंकवाद का डर खत्म करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।’’
सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर 73 साल से विकास से वंचित रहा और इस अंतर को पाटने में चुनौतियां हैं लेकिन उनका प्रशासन इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अन्य राज्यों से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति की तुलना में जम्मू कश्मीर का बजट चार-पांच गुणा अधिक है लेकिन जिस तरह का विकास होना चाहिए था, जिस तरह औद्योगीकरण होना चाहिए था, वह नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोगों को बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया। कुछ निहित हित वालों ने दशकों तक विकास की प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयास किए।’’
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने ऐतिहासिक गलतियों को ठीक करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।’’
पूर्ववर्ती राज्य में शासन करने वाले राजनीतिक दलों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोगों के खिलाफ कुछ वर्गों द्वारा जो साजिश वर्षों से की जा रही थी, उसे एक झटके में समाप्त कर दिया गया।’’
आर्थिक सुधारों के बारे में सिन्हा ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ केंद्रशासित प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए 28,400 करोड़ रुपये की औद्योगिक विकास योजनाओं की शुरुआत की गयी है।
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