देश की खबरें | कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना प्रबल है, युद्धस्तर पर तैयारी कर रही है दिल्ली सरकार: केजरीवाल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका प्रबल है और कहा कि उनकी सरकार इससे निपटने के लिए ‘‘युद्ध स्तर’’ पर तैयारियां कर रही है।

नयी दिल्ली, 12 जून दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका प्रबल है और कहा कि उनकी सरकार इससे निपटने के लिए ‘‘युद्ध स्तर’’ पर तैयारियां कर रही है।

केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर पर ब्रिटेन से संकेत मिल रहे हैं, जहां ‘‘45 प्रतिशत लोगों के टीकाकरण’’ के बावजूद वहां मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं ‘‘इसलिए हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते हैं।’’

केजरीवाल दिल्ली के नौ अस्पतालों में 22 नये पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन करने के लिए आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 17.3 मीट्रिक टन होगी और इससे कोविड-19 के खिलाफ तैयारियों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि जुलाई तक 17 और ऑक्सीजन संयंत्र शुरू होंगे।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार तीसरी लहर के मामले में कोविड-19 से निपटने के लिए ऑक्सीजन टैंकर भी खरीद रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती लहर ‘‘बहुत खतरनाक’’ थी जो अब कम हो रही है।

उन्होंने दूसरी लहर से लड़ने में मदद के लिए उद्योगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि दिल्ली के लोग संघर्ष और अनुशासन के साथ इसका मुकाबला करने के लिए एकसाथ आगे आए और ‘‘इसे नियंत्रित करने में सफल’’ हुए।

उन्होंने प्रार्थना की कि कोविड की तीसरी लहर न आए। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि तीसरी लहर की संभावना प्रबल है, और ‘‘अगर ऐसा होता है, तो दिल्ली को फिर से एक साथ लड़ना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते और हमारी सरकार इससे निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी कर रही है।’’

उन्होंने महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण अभियान के विस्तार की आवश्यकता को भी रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हमारा टीकाकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है। टीकों की कमी अभी भी एक समस्या है, लेकिन हमारा 'जहां वोट, वहां टीकाकरण’ अभियान सफल है।’’

केजरीवाल ने कहा कि इस साल अप्रैल और मई के दौरान देश के लिए जो दूसरी लहर थी, वह दिल्ली के लिए चौथी थी क्योंकि दिल्ली पहले ही नवंबर 2020 तक तीन लहरों से जूझ चुकी थी।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों, सफाई कर्मचारियों और अन्य लोगों ने वायरस के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभायी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कई डॉक्टरों को जानता हूं, जो कई दिनों तक घर नहीं गए। मैं दिल्ली के लोगों की ओर से उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली लहर में एक दिन में अधिकतम मामलों की संख्या लगभग 4,500 थी, जो चौथी लहर में बढ़कर 28,000 से अधिक हो गई।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में चौथी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई क्योंकि दिल्ली एक औद्योगिक राज्य नहीं है और उसके पास ऑक्सीजन उत्पादन का अपना स्रोत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मात्रा में औद्योगिक ऑक्सीजन के अलावा, दिल्ली को गैर-कोविड उद्देश्यों के लिए 150-200 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चौथी लहर के दौरान यह आवश्यकता बढ़कर 700 मीट्रिक टन हो गई।

दिल्ली में अप्रैल के मध्य से मई की शुरुआत के दौरान चिकित्सकीय ऑक्सीजन आपूर्ति का भारी संकट देखा गया, जब कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम संदेश जारी किया। इस कमी को कई मौतों के लिये जिम्मेदार ठहराया गया और दिल्ली सरकार ने पहले से ही विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे मौतें वास्तव में जीवन रक्षक गैस की कमी के कारण हुईं।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमारे पास ऑक्सीजन उत्पादन के साधन और केंद्र सरकार के निर्देश पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से ऑक्सीजन खरीदने के लिए टैंकर तक नहीं थे। अब, हमें पूरी तरह से तैयार रहना होगा।’’

केजरीवाल ने कहा कि बृहस्पतिवार को उन्होंने 57-57 मीट्रिक टन के तीन भंडारण टैंकों के साथ-साथ 13.5 मीट्रिक टन के ऑक्सीजन टैंक का उद्घाटन किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को उद्घाटन किए गए 22 संयंत्रों सहित कुल 27 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को दिल्ली में चालू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा पहले ही छह संयंत्र शुरू किए जा चुके हैं और सात जल्द ही शुरू होने जा रहे हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि शनिवार को खोले गए कुल पीएसए संयंत्रों में से 17 एचसीएल टेक्नोलॉजीज और चार मारुति उद्योग द्वारा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एचसीएल जल्द ही पांच और संयंत्रों की आपूर्ति करेगी।

इस कार्यक्रम में एचसीएल टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन रोशनी नाडर और शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।

जिन अस्पतालों में ये संयंत्र लगाए गए हैं उनमें संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दीप चंद बंधु अस्पताल और बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल शामिल हैं।

जैन ने कहा कि इन सभी अस्पतालों की क्षमता 9,500 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) है। इसका मतलब है कि 1,000 बिस्तर अस्पताल को भीतर से ही ऑक्सीजन प्राप्त कर पाएगा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\