
नयी दिल्ली, 26 मार्च संसद की एक समिति ने नासा-इसरो के संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के लिए बजटीय कटौती किये जाने पर चिंता जताई है। इस मिशन के तहत एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) भेजा जाना है।
अंतरिक्ष विभाग ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर भाजपा सांसद भुवनेश्वर कालिता की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति को बताया कि 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान चरण में धनराशि की कटौती मिशन को अगले वित्तीय वर्ष तक स्थगित करने के कारण हुई है।
हालांकि, समिति को बताया गया कि अभियान में विलंब के कारण यह कटौती आवश्यक थी, लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और एक्सिओम स्पेस (अंतरिक्ष अवसंरचना डेवलपर) के साथ द्विपक्षीय सहयोग कायम है तथा आवश्यक धनराशि बाद में आवंटित की जाएगी।
संयुक्त मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2023 की अमेरिका यात्रा के दौरान की गई थी, जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस की यात्रा करेगा।
इस अभियान के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को एक्सिओम मिशन 4 के लिए अंतरिक्ष यात्री नामित किया गया है। शुक्ला को अभियान का पायलट नामित किया गया है, जबकि नायर सहयोगी कर्मी हैं।
समिति ने उल्लेख किया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-नासा के संयुक्त अभियान को संशोधित अनुमान चरण में अत्यधिक बजटीय कटौती का सामना करना पड़ा, जिससे इसका आवंटन 715 करोड़ रुपये से घटकर 412 करोड़ रुपये हो गया।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘हालांकि, 2025-26 के लिए बजट अनुमान काफी कम होकर 135 करोड़ रुपये रह गया है...।’’
इसमें कहा गया है कि 2024-25 के लिए बजट अनुमान 13,042.75 करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान चरण में इसे 10.09 प्रतिशत घटाकर 11,725.75 करोड़ रुपये कर दिया गया।
समिति ने कहा, ‘‘हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में आवंटन में वृद्धि अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए सरकार के निरंतर समर्थन का संकेत देती है, लेकिन अनुमानित आवश्यकता में कमी से विभाग की सभी नियोजित परियोजनाओं को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित करने की क्षमता के बारे में चिंताएं उत्पन्न होती हैं।’’
इसमें गगनयान अभियान के लिए आवंटन में भी बार-बार कटौती पर चिंता व्यक्त की गई है।
समिति ने बताया कि गगनयान के बजट में 2024-25 के संशोधित अनुमान के स्तर पर महत्वपूर्ण कटौती की गई है। इसे 1,200 करोड़ रुपये से घटाकर 847.35 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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