ताजा खबरें | विपक्ष 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग पर अड़े विपक्ष के हंगामे से रास दिन भर रही बाधित

नयी दिल्ली, छह दिसंबर राज्यसभा की बैठक अशोभनीय आचरण के कारण निलंबित 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को चार बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजकर करीब दस मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

हंगामे की वजह से आज उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

चार बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजे जब बैठक शुरू हुई तब उप सभापति हरिवंश ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह नगालैंड में हुई गोलीबारी की घटना पर एक बयान देंगे। गृह मंत्री शाह ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में 14 लोगों की मौत की घटना पर खेद जताते हुए कहा कि इसकी विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है तथा सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसे किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।

यही बयान गृह मंत्री ने लोकसभा में भी दिया था। उन्होंने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) से एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है। शाह के बयान के दौरान विपक्षी सदस्य 12 निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर हंगामा करते रहे।

शाह ने कहा कि उन्होंने नगालैंड राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। गृह मंत्री के बयान के बाद उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से स्पष्टीकरण पूछने के लिए कहा। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा का नाम पुकारा। उन्होंने कहा ‘‘आपने स्वयं स्पष्टीकरण पूछने के लिए नाम दिया था। आप स्पष्टीकरण पूछिए।’’

बहरहाल, हंगामा थमते न देख उप सभापति ने चार बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे, विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने नगालैंड में हुई गोलीबारी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘यह अत्यंत गंभीर घटना है और गृह मंत्री को इस पर सदन में बयान देना चाहिए।’’

सभापति ने कहा कि उनकी गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई है और गृह मंत्री आज दोपहर बाद एक बयान देंगे। सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी बताया कि गृह मंत्री दोपहर बाद एक बयान देंगे।

इसके बाद नायडू ने जब शून्यकाल शुरू कराया, उसी दौरान निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के कारण सभापति ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। सदन में शोरगुल के बीच ही मंत्रियों ने कुछ पूरक सवालों के जवाब दिए। लेकिन फिर उपसभापति ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने सदन में वही नजारा था। उपसभापति हरिवंश ने कुछ आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का अवसर दिया। खड़गे ने निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग की।

हरिवंश ने कहा कि इस मुद्दे पर सभापति ने नेता सदन और विपक्ष के नेताओं के बीच बातचीत कर कोई रास्ता निकालने के लिए पहले ही कह दिया है। उन्होंने सदस्यों से ‘‘पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में वृद्धि सहित महंगाई के कारण देश में उत्पन्न हालात’’ पर नियत अल्पकालिक चर्चा शुरू करने का अनुरोध किया।

सदन में व्यवस्था बनते न देख हरिवंश ने बैठक को अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दिया। अपराह्न तीन बजे जब बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे से अल्पकालिक चर्चा शुरू करने के लिए कहा। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग पर हंगामा शुरू कर दिया। खड़गे ने कहा कि 12 सदस्यों को निलंबित कर इस तरह सदन चलाना ठीक नहीं है।

सदन में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ‘‘चर्चा का विषय विपक्षी सदस्यों ने तय किया था। चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया और आज जब चर्चा होनी है तो वह चर्चा शुरू नहीं कर रहे हैं। बाद में विपक्षी सदस्य आरोप लगाते हैं कि सरकार चर्चा से भाग रही है।’’

पात्रा ने खड़गे से कहा कि वह चर्चा शुरू करें। खड़गे ने कहा कि वह चर्चा शुरू करना चाहते हैं लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था होना चाहिए।

इस पर सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा ‘‘अब आप कहते हैं कि आप चर्चा शुरू करना चाहते हैं। आप व्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं। यह तो एक खेल की तरह है। आपके सदस्य यहां (आसन के समक्ष) हैं।’’

खड़गे पर तंज करते हुए गोयल ने कहा ‘‘लगता है कि विपक्ष के नेता की अपने सदस्यों पर कोई पकड़ नहीं है। पहले तो उन्होंने चर्चा की मांग की, फिर उन्होंने एक मुद्दा उठाया और अपने सदस्यों को उकसाया। अब चर्चा की बात करते हैं।’’

गोयल ने कहा कि न केवल केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटाया बल्कि भाजपा शासित राज्यों ने भी पेट्रोल डीजल पर वैट घटा दिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल के दामों में कमी आ चुकी है और कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वह हंगामे की आड़ में अपनी अक्षमता छिपाना चाहती है।

पात्रा ने एक बार फिर सदस्यों से शांत रहने और अल्पकालिक चर्चा शुरू करने को कहा। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने बैठक चार बजे तक स्थगित कर दी।

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