जरुरी जानकारी | संशोधित कानून के अंतर्गत नए नियमों का उद्देश्य ‘महत्तम नियामकीय संतुलन’ सुनिश्चित करना:सीसीआई

नयी दिल्ली, 20 नवंबर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने कहा है कि संशोधन के बाद लागू किए गए नए प्रतिस्पर्धा नियम हितधारकों को कानूनी निश्चितता प्रदान करते हैं और उनका उद्देश्य महत्तम नियामकीय संतुलन सुनिश्चित करना भी है।

प्रतिस्पर्धा अधिनियम में 2023 में संशोधन किया गया था और संशोधित कानून द्वारा प्रस्तुत सभी प्रावधानों को अधिसूचित कर दिया गया है।

संयोजन छूट के लिए मानदंड, संयोजन का गठन करने के लिए लक्षित उद्यम की परिसंपत्तियों और कारोबार का न्यूनतम मूल्य तथा मान्य अनुमोदन मार्ग के तहत फाइलिंग करने के मानदंड से संबंधित नियम भी अधिसूचित किए गए हैं।

इसके अलावा, नियामक ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (संयोजन) विनियम, 2024 पेश किया, जो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (संयोजन से जुड़े कारोबार के लेनदेन के संबंध में प्रक्रिया) विनियम, 2011 का स्थान लेगा।

सीसीआई की आंतरिक तिमाही पत्रिका में अपने संदेश में कौर ने कहा कि सितंबर तिमाही में प्रतिस्पर्धा संशोधन अधिनियम 2023 द्वारा प्रस्तावित विलय और अधिग्रहण से संबंधित नियामकीय ढांचे की समीक्षा की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है।

उन्होंने कहा, “प्रतिस्पर्धा अधिनियम में संशोधन के बाद शुरू किए गए नए नियम, छूट आदि की योजना के संबंध में हितधारकों को कानूनी निश्चितता प्रदान करने की दिशा में भी आगे बढ़ते हैं तथा इनका उद्देश्य महत्तम नियामकीय संतुलन सुनिश्चित करना है।”

कौर ने कहा, “ये नए विनियमन भारत में प्रतिस्पर्धा कानून प्रवर्तन को सरल बनाने और विलय प्रक्रिया के दौरान कारोबार क्षेत्रों के लिए स्पष्टता बढ़ाने को तैयार किए गए हैं। आयोग ने यह सुनिश्चित करना जारी रखा है कि संयोजन बाजार में प्रतिस्पर्धा को नुकसान न पहुंचाएं।”

सीसीआई प्रतिस्पर्धा कानून के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने तथा बाज़ार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार की गतिविधियों में भी संलग्न है।

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