देश की खबरें | संरा में भारत के वोट के बारे में आक्षेप 'बिलकुल बकवास': एनवाईटी की रिपोर्ट पर सैयद अकबरुद्दीन ने कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने शनिवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के उस ‘‘आक्षेप’’ को ''पूरी तरह बकवास'' करार दिया, जिसमें कहा गया है कि इजराइली स्पाईवेयर सहित अन्य उपकरणों की खरीद का सौदा होने के बाद इजराइल तथा नयी दिल्ली के बीच संबंध और गहरे हो गए तथा फिर भारत ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में इजराइल के समर्थन में मतदान किया।

नयी दिल्ली, 29 जनवरी संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने शनिवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के उस ‘‘आक्षेप’’ को ''पूरी तरह बकवास'' करार दिया, जिसमें कहा गया है कि इजराइली स्पाईवेयर सहित अन्य उपकरणों की खरीद का सौदा होने के बाद इजराइल तथा नयी दिल्ली के बीच संबंध और गहरे हो गए तथा फिर भारत ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में इजराइल के समर्थन में मतदान किया।

वर्ष 2016 से 2020 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे अकबरुद्दीन ने न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की रिपोर्ट पर एक ट्वीट टैग करते हुए कहा, "भारत के संयुक्त राष्ट्र वोट के बारे में आक्षेप पूरी तरह से बकवास है ...।"

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल का स्पाईवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए करीब दो अरब डॉलर के आधुनिक हथियार और खुफिया उपकरण संबंधी सौदे का "केंद्रबिंदु" थे।

इसमें जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा का भी उल्लेख किया गया, जो देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, "दशकों से, भारत ने 'फलस्तीन के प्रति प्रतिबद्धता' की नीति को बनाए रखा था, और इजराइल के साथ उसके संबंध ठंडे थे। मोदी की यात्रा, हालांकि, विशेष रूप से सौहार्दपूर्ण थी, जिसमें वह तत्कालीन इजराइली प्रधानमंत्री (बेंजामिन) नेतन्याहू के साथ एक स्थानीय समुद्र तट पर नंगे पांव घूमते दिखे थे।’’

इसमें कहा गया, "उनके पास गर्मजोशी की भावना का कारण था। उनके देश आधुनिक हथियारों और खुफिया उपकरणों के पैकेज की बिक्री पर सहमत हुए थे, जिसकी कीमत लगभग दो अरब डॉलर थी- पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली इस सौदे का केंद्रबिंदु थे।’’

अखबार ने कहा, ‘‘महीनों बाद, नेतन्याहू ने भारत की दुर्लभ राजकीय यात्रा की। और जून 2019 में भारत ने फलस्तीनी मानवाधिकार संगठन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने से इनकार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इजराइल के समर्थन में मतदान किया, जो देश के लिए पहली बार था।’’

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