देश की खबरें | उल्का पिंडो की बौछार से जगमगाएगा आकाश
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

कोलकाता (पश्चिम बंगाल), 13 दिसंबर देशभर में रविवार रात और सोमवार तड़के उल्का पिंडों की बौछार से आकाश जगमगा उठेगा।

एम पी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ‘जैमिनिड’ के नाम से जानी जाने वाली उल्का पिंडों की यह बौछार 13 दिसंबर की रात को चरम पर होगी। यह वर्ष की सबसे बड़ी उल्का पिंड बौछार होगी।

यह भी पढ़े | RTGS Facility Becomes 24X7: आरटीजीएस सेवाएं आज रात से 24 घंटे उपलब्ध होंगी, यहां देखें पूरी डिटेल्स.

उन्होंने कहा कि यदि आसमान में परिस्थितियां अनुकूल रहती हैं, तो जेमिनिड उल्का पिंड बौछार को भारत के हर हिस्से से देखा जा सकेगा।

उल्का पिंड चमकदार रोशनी की जगमगाती धारियां होती हैं, जिन्हें अक्सर रात में आसमान में देखा जा सकता है। इन्हें ‘शूटिंग स्टार’ भी कहा जाता है।

यह भी पढ़े | 2001 Parliament Attacks: पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत इन दिग्गज नेताओं ने संसद भवन पर हुए हमले में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि.

उन्होंने बताया कि वास्तव में, जब धूल के कण जितनी छोटी एक चट्टानी वस्तु बेहद तेज गति से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है, तो घर्षण के कारण प्रकाश की खूबसूरत धारी बनती है।

साल की एक निश्चित अवधि में आकाश की निश्चित दिशा से आते एक नहीं, बल्कि कई उल्का पिंड देखने को मिलते हैं, जिन्हें उल्का पिंड बौछार कहा जाता है। ये बौछार अकसर उस समय होती है, जब पृथ्वी विभिन्न उल्का तारों के सूरज के निकट जाने के बाद छोड़ी गई धूल के बचे मलबे से गुजरती है।

इनमें से जेमिनिड उल्का पिंछ बौछार सबसे शानदार उल्का पिंछ बौछारों में से एक होती है। हर बौछार हर साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह के आस-पास दिखाई देती है।

दुआरी ने बताया कि इस साल पूर्वानुमान है कि आसमान साफ होने के कारण प्रति घंटे 150 उल्का पिंछों की बौछार दिख सकती है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)