ताजा खबरें | लोकसभा में उठा न्यायाधीश के घर नकदी मिलने का मुद्दा, कानून मंत्री से बयान देने की मांग

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के सरकारी आवास से कथित तौर पर अधजली नकदी मिलने का मुद्दा बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठा और सदस्यों ने कानून मंत्री से इस मुद्दे पर सदन में बयान देने की मांग की।

नयी दिल्ली, 27 मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के सरकारी आवास से कथित तौर पर अधजली नकदी मिलने का मुद्दा बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठा और सदस्यों ने कानून मंत्री से इस मुद्दे पर सदन में बयान देने की मांग की।

कई सदस्यों ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस घटना के सामने आने के बाद न्यायपालिका पर जनता का विश्वास डगमगाया है।

तृणमूल कांगेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की घटना सामने आने के बाद न्यायपालिका पर जनता का विश्वास डगमगा गया है।

उन्होंने कहा कि न्यायाधीश को एक लोकसेवक मानते हुए उनके खिलाफ लोकपाल की जांच क्यों नहीं कराई जानी चाहिए।

बनर्जी ने कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय कर देने से कार्रवाई पूरी नहीं हो जाएगी।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ‘‘कलकत्ता उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सारे भ्रष्ट न्यायाधीशों का ‘डंपिंग ग्राउंड’ नहीं बनाया जा सकता।’’

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस इलाके में स्थित आवास में 14 मार्च को रात करीब 11:35 बजे आग लगने के बाद कथित तौर पर अधजली नकदी बरामद हुई थी।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने इस मुद्दे पर कहा कि इस घटना ने नागरिकों की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पर निगरानी का अधिकार इस संसद को है और कानून मंत्री को सदन में इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देनी चाहिए।

तिवारी ने कहा, ‘‘सरकार को बताना चाहिए कि उसे इस बारे में क्या जानकारी है और आखिरकार क्या हुआ था।’’

उत्तर प्रदेश के फूलपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य प्रवीण पटेल ने न्यायमूर्ति वर्मा का तबादला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में किए जाने की पृष्ठभूमि में कहा कि यह उच्च न्यायालय उनके संसदीय क्षेत्र में आता है और इस फैसले से वहां के वकील और कई जनपद अदालतों के अधिवक्ता आक्रोशित हैं।

कांग्रेस की आर सुधा ने कहा कि संसद सत्र चल रहा है लेकिन इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों के बयानों और घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि न्यायाधीश को बचाया जा रहा है।

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