Fangal Cyclone: फेंगल चक्रवात से तमिलनाडु में हुए नुकसान का मुद्दा राज्यसभा में उठा, तत्काल केंद्रीय सहायता की मांग
राज्यसभा में मंगलवार को कुछ सदस्यों ने तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल से हुए जान और माल के नुकसान का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से तत्काल राहत के लिए दो हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद की मांग की.
नयी दिल्ली, 3 दिसंबर : राज्यसभा में मंगलवार को कुछ सदस्यों ने तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल से हुए जान और माल के नुकसान का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से तत्काल राहत के लिए दो हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद की मांग की. उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि चक्रवात फेंगल के कारण तमिलानाडु के कई जिलों में भारी बर्बादी हुई है. उन्होंने कहा कि सड़कें, रेलवे लाइन के साथ ही बड़ी संख्या में बुनियादी अवसंरचना और फसलों को नुकसान पहुंचने के कारण प्रभावित इलाकों के लोगों का जीवन अस्त-व्यवस्त हो गया है.
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार राज्य को 2,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करे.’’ उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य के प्रभावित इलाकों में एक केंद्रीय दल भेजने का भी अनुरोध किया जो संभावित नुकसान का ब्योरा केंद्र को सौंपे और उसके अनुरूप राज्य सरकार को मदद पहुंचाई जा सके. अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से इस चक्रवात के प्रकोप के कारण जान गंवाने वालों के लिए तत्काल अनुग्रह राशि घोषित करने की भी मांग की. चक्रवात फेंगल गत शनिवार को तमिलनाडु पहुंचा और इसके प्रभाव से हुई मूसलाधार बारिश के कारण चेन्नई तथा उसके आसपास के कई इलाके जलमग्न हो गए. पुडुचेरी में भी इसका प्रभाव देखा गया. यह भी पढ़ें : तमिलनाडु में आई बाढ़ को लेकर पीएम मोदी ने CM एमके स्टालिन से की फोन पर बात
‘फेंगल’ के प्रभाव से तमिलनाडु और केंद्र-शासित प्रदेश में मूसलाधार बारिश हुई जिससे सड़कें, रेलवे लाइन के साथ ही बड़ी संख्या में बुनियादी अवसंरचना और फसलों को नुकसान पहुंचा तथा आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बाढ़ग्रस्त सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना को आगे आना पड़ा. मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के वाइको ने भी इस मुद्दे को उठाया और केंद्रीय सहायता की मांग की. उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.