देश की खबरें | आमजन से कोसों दूर है केंद्र सरकार का आम बजट: गहलोत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने बुधवार को पेश केंद्र सरकार के आम बजट को 'थोथा चना बाजे घना' बताते हुए कहा कि यह आमजन से कोसों दूर है। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि इस बजट में राजस्थान को कुछ नहीं मिला है और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय दर्जा नहीं मिलने से 13 जिलों के लोग खासे निराश हैं।

जयपुर, एक फरवरी राजस्थान के मुख्यमंत्री ने बुधवार को पेश केंद्र सरकार के आम बजट को 'थोथा चना बाजे घना' बताते हुए कहा कि यह आमजन से कोसों दूर है। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि इस बजट में राजस्थान को कुछ नहीं मिला है और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय दर्जा नहीं मिलने से 13 जिलों के लोग खासे निराश हैं।

गहलोत ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा,‘‘केंद्रीय बजट ‘थोथा चना बाजे घना‘ साबित हुआ है। केंद्र ने अमृत काल का विजन तो रखा, लेकिन आमजन को पूरी तरह से निराशा हाथ लगी है। वर्तमान केंद्र सरकार के अंतिम बजट में राजस्थान को कुछ भी नहीं मिला, जबकि राज्य के मतदाताओं ने सभी 25 सांसद दिए। इनमें केंद्रीय मंत्री भी हैं, बावजूद राजस्थान की जनता खाली हाथ रही।'

उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज तथा पांच लाख रुपये तक दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है और एक करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में अभी भी पांच लाख रुपए तक के ही इलाज की सीमा है, इसे भी नहीं बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के राजस्थान मॉडल के अनुरूप बजट में देश में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना करने की घोषणा की है लेकिन कब तक, यह नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर किसी भी तरह की ठोस कार्य-योजना सामने नहीं आई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की जनकल्याणकारी योजनाओं के अध्ययन के बाद केंद्रीय बजट पेश होता तो आमजन को राहत मिलती। उन्होंने कहा कि राज्‍य के 13 जिलों को पेयजल और सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय दर्जा नहीं मिलने पर क्षेत्रवासियों में घोर निराशा हुई है।

गहलोत ने कहा कि केंद्रीय बजट में किसानों को ऋण देने की घोषणा तो की गई, लेकिन कर्ज में डूबे किसानों को सहारा नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सहकारी बैंकों के 22 लाख किसानों द्वारा लिए 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य के किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण माफी के लिए कई पत्र लिखे गये, जिस पर अभी तक केंद्र मौन साधे हुए है।

पृथ्वी कुंज

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