दिल्ली से पहली स्पेशल ट्रेन मुंबई पहुंची, यात्रियों ने ली राहत की सांस
कुछ यात्रियों ने हालांकि शिकायत की कि ट्रेन से उतरने के बाद उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग और उनके सामान को संक्रमणमुक्त बनाने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने को मजबूर किया गया।
मुंबई, 14 मई नयी दिल्ली से बृहस्पतिवार को एक स्पेशल ट्रेन यहां मुंबई सेंट्रल स्टेशन पहुंची जो लॉकडाउन लागू होने के लगभग 54 दिन बाद बाहर से आई पहली स्पेशल ट्रेन है। अनेक यात्रियों ने लगभग दो महीने बाद अपनी वापसी पर खुशी व्यक्त की।
कुछ यात्रियों ने हालांकि शिकायत की कि ट्रेन से उतरने के बाद उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग और उनके सामान को संक्रमणमुक्त बनाने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने को मजबूर किया गया।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि यात्री स्पेशल ट्रेन बुधवार शाम नयी दिल्ली से चली थी और बृहस्पतिवार को सुबह लगभग 8:40 बजे मुंबई सेंट्रल स्टेशन पहुंची।
शहर के निकाय कर्मियों ने यहां पहुंचे सभी यात्रियों के हाथ पर घर में पृथक रहने की मोहर लगाई और उनसे कहा कहा कि वे 20 मई तक अपने घरों से बाहर न निकलें।
यात्रियों के हाथों पर मोहर लगाने से पहले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और रेलवे रक्षा बल के कर्मियों ने उन सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की तथा अग्निशमन विभाग ने उनके सामान को संक्रमणमुक्त किया।
हालांकि, लंबी लाइन और स्क्रीनिंग प्रक्रिया में विलंब से कुछ यात्री नाराज हो गए क्योंकि उन्हें स्टेशन छोड़ने से पहले दो घंटे तक खड़े रहना पड़ा।
राजस्थान के कोटा में फंसे, लेकिन दिल्ली से ट्रेन पकड़ने में सफल रहे के. लखियानी ने कहा कि यहां पहुंचने के बाद स्क्रीनिंग और सामान को संक्रमणमुक्त करने की प्रक्रिया में काफी अधिक समय लगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लाइन में लगभग दो घंटे खड़ा रहना पड़ा।’’
लखियानी बाद में, निजी वाहन से पास के ठाणे जिले के उल्हासनगर रवाना हो गए।
इसी तरह, एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि लाइन में बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं था और लगभग दो घंटे खड़े रहने से उनकी पीठ में दर्द हो गया।
रेलवे सुरक्षा एजेंसियों और मुंबई पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे जिससे कि भीड़भाड़ से बचा जा सके तथा कानून व्यवस्था संबंधित कोई स्थिति उत्पन्न न हो।
अनेक यात्रियों ने रेलवे स्टेशन से अपने घर पहुंचने के लिए निजी वाहनों का इंतजाम किया तथा कुछ ने कैब बुक कीं।
शहर के परिवहन विभाग ने यात्रियों के लिए बसों का इंतजाम भी किया।
जिन यात्रियों को मुंबई महानगर क्षेत्र से बाहर जाना था, उन्होंने रोडवेज बसों का सहारा लिया।
अधिकतर यात्री घर वापसी पर प्रसन्न थे और उन्होंने खुद को सौभाग्यशाली बताया।
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