परिवार के सदस्य पूर्वी जावा के मलंग शहर में एक फुटबॉल मैच में प्रियजनों को अचानक गंवाने के बाद काफी परेशान हैं। इस मैच के लिए स्थानीय टीम एरेमा एफसी के प्रशंसक ही पहुंचे थे क्योंकि आयोजकों ने इंडोनेशिया की हिंसक फुटबॉल प्रतिद्वंद्विता के इतिहास के कारण पर्सेबाया सुरबाया के समर्थकों के स्टेडियम में आने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
यह घटना एक खेल आयोजन के दौरान दुनिया की अब तक की सबसे घातक त्रासदियों में से एक थी। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सुरक्षा प्रक्रियाओं की जांच का आदेश दिया और फुटबॉल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा के अध्यक्ष ने मौतों को ‘‘फुटबॉल से जुड़े सभी लोगों के लिए एक काला दिन और समझ से परे एक त्रासदी’’ करार दिया।
बाइस साल की फैकोतुल हिकमाह कंजुरुहान स्टेडियम में जाने गंवाने वाले लोगों में शामिल थी। उनके एक दर्जन दोस्तों ने मैच देखने की योजना बनाई थी लेकिन हिकमाह उन चार लोगों में से एक थी जो स्टेडियम में प्रवेश कर पाईं क्योंकि सभी टिकट बिक चुके थे। उसके दोस्त अब्दुल मुकीद ने सोमवार को बताया कि उन्होंने एक दलाल से टिकट खरीदा और फिर उन्हें स्टेडियम के अंदर हुई अफरातफरी के बारे में पता चला।
मुकीद के दो दोस्तों की मौत हो गई और दो घायल हो गए। मुकीद को हिकमाह का शव स्टेडियम परिसर की एक इमारत में मिला। उसके चेहरे पर घाव के नीले रंग के निशान थे और पसलियां टूटी हुई थीं।
पूर्वी जावा प्रांत के जेम्बर में हिकमाह के माता-पिता के घर पर जब एक एम्बुलेंस सफेद कपड़े और काले कंबल में लिपटे उसके शव के साथ पहुंची तो रिश्तेदार रो पड़े।
मुकीद को अपने दूसरे दोस्त की मौत का पता बाकी दोस्तों से उस समय चला जब वह हिकमाह के शव को अस्पताल ले जा रहा था। मुकीद ने कहा कि 19 वर्षीय नोवल पुत्रा औलिया एक अनाथ था जिसकी देखभाल उसके भाई ने की थी क्योंकि उसके माता-पिता की पांच साल पहले मृत्यु हो गई थी।
महिला अधिकारिता और बाल संरक्षण मंत्रालय ने कहा कि मरने वालों में कम से कम 17 बच्चे हैं और सात बच्चे घायल हुए हैं जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पुलिस का कहना है कि घटना में कुल मिलाकर 323 लोग घायल हुए जिनमें से कुछ की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
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