देश की खबरें | मणिपुर की भयावह स्थिति भाजपा की नीतियों और प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं पर कलंक : कांग्रेस
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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर कांग्रेस ने मणिपुर के हालात को लेकर बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर की यह ‘भयावह स्थिति’ भाजपा की नीतियों एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं पर कलंक की तरह है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था कि किसी राज्य के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए, लेकिन मणिपुर की जनता के साथ ऐसा हुआ है।
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार मणिपुर का दौरा कब किया था और राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से कब बात की थी?
मणिपुर में पिछले पांच महीने में हिंसा के कारण 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘पांच महीने पहले, तीन मई की शाम को तथाकथित ‘डबल इंजन’ सरकार की विभाजनकारी राजनीति के कारण मणिपुर में हिंसा भड़की थी। लगभग एक महीने के बाद कर्नाटक चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों को निभाकर और ऐसे अन्य जरूरी कार्यों से मुक्त होकर गृह मंत्री ने राज्य का दौरा करना उचित समझा, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘गृह मंत्री के दौरे के बाद वास्तव में हालात और खराब हो गए। सामाजिक सद्भाव पूरी तरह से बिगड़ चुका है। हर दूसरे दिन हिंसक अपराधों की भयावह खबरें सामने आती हैं। हजारों हजार लोग अब भी राहत शिविरों में फंसे हुए हैं। सशस्त्र गुटों और राज्य पुलिस के बीच झड़प आम बात हो गई है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘फिर भी प्रधानमंत्री इस मामले पर पूरी तरह से चुप हैं। राज्य में हालात बिगड़ने के काफी दिनों बाद उन्होंने सिर्फ दिखावे के लिए 10 अगस्त को लोकसभा में अपने 133 मिनट के भाषण में पांच मिनट से भी कम समय के लिए राज्य पर एक टिप्पणी करके औपचारिकता निभा दी। भाजपा के अधिकांश विधायक मुख्यमंत्री को पद से हटाना चाहते हैं, बावजूद इसके वह बेशर्मी से अपने पद पर बने हुए हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘आखिरी बार प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा कब किया था? आखिरी बार प्रधानमंत्री ने मणिपुर के राज्य के मुख्यमंत्री से कब बात की थी? आखिरी बार प्रधानमंत्री ने मणिपुर के भाजपा विधायकों से कब मुलाकात की थी? आखिरी बार कब प्रधानमंत्री ने राज्य के अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ मणिपुर पर चर्चा की थी?’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इस तरह किसी राज्य और उसके सभी लोगों को पूरी तरह से उनके हाल पर नहीं छोड़ा है, जैसा कि अब किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राज्य में भाजपा को बड़ा जनादेश मिलने के लगभग 15 महीने बाद ही मणिपुर में ऐसी भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई। यह उसकी नीतियों और प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं पर सबसे बड़ा कलंक है।’’
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