देश की खबरें | एनसीबी के उप महानिदेशक को वानखेड़े के खिलाफ जांच टीम का हिस्सा नहीं होना चाहिए था: अधिकरण

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मुंबई, पांच सितंबर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने कहा है कि एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह को कॉर्डेलिया क्रूज मादक पदार्थ मामले के संबंध में आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा की गईं कथित प्रक्रियात्मक खामियों की जांच के लिए गठित जांच दल का हिस्सा नहीं होना चाहिए था।

अधिकरण ने कहा कि सिंह ने वानखेड़े को मामले की जांच के संबंध में निर्देश दिए थे, इसलिए वह जांच टीम में शामिल नहीं होने चाहिए थे।

अधिकरण ने अपने 21 अगस्त के आदेश में कहा कि चूंकि जांच टीम द्वारा प्रस्तुत निष्कर्ष प्रारंभिक प्रकृति के थे, इसलिए केंद्र सरकार और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को रिपोर्ट के आधार पर वानखेड़े के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका देना होगा।

मंगलवार को वानखेड़े ने बंबई उच्च न्यायालय अधिकरण के आदेश की जानकारी दी।

न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज जबरन वसूली और रिश्वतखोरी के मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।

सीबीआई ने वानखेडे और चार अन्य द्वारा 2021 में कार्डेलिया क्रूज शिप से कथित मादक पदार्थों की जब्ती के मामले में शाहरुख खान से उनके बेटे आर्यन खान को नहीं फंसाने को लेकर 25 करोड़ रुपये की घूस मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया। खान ने जमानत मिलने तक करीब एक महीने की अवधि जेल में बिताई थी।

पीठ ने कहा कि वानखेड़े चाहें तो कैट के आदेश को रिकॉर्ड पर रखते हुए एक हलफनामा दायर कर सकते हैं और मामले को बुधवार को सुनवाई के लिए रख दिया।

जोहेब पवनेश

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