ताजा खबरें | लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी, कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. पेगासस जासूसी मामले एवं कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा बृहस्पतिवार को भी जारी रहा तथा सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा। विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर लगभग 25 मिनट पर दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई।

नयी दिल्ली, 29 जुलाई पेगासस जासूसी मामले एवं कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा बृहस्पतिवार को भी जारी रहा तथा सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा। विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर लगभग 25 मिनट पर दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई।

हंमागे के बीच ही आधे घंटे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही चली तथा सदन ने दो विधेयकों को मंजूरी भी प्रदान की। इन विधेयकों में ‘भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021’ तथा ‘अंतर्देशीय जलयान विधेयक, 2021’ शामिल है।

इस दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। विपक्षी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिन पर पेगासस जासूसी मामला और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को समाप्त करने से जुड़ी मांगें लिखी हुई थीं।

इससे पूर्व, आज सुबह बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा एक दिन पहले सदन में कागज उछालने की घटना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद ही 11:30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार की घटना को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की और सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में संसद की गरिमा के प्रतिकूल घटनाओं की पुनरावृत्ति की गई तो वह कार्रवाई करेंगे।

उन्होंने कहा कि 28 जुलाई को सदन में घटी घटना से उन्हें अत्यंत पीड़ा हुई है। आसन की ओर पर्चे और कागज फेंकना हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है।

बिरला ने कहा, ‘‘हम संसद की गरिमा का ध्यान नहीं रखेंगे तब संसदीय लोकतंत्र कैसे बचेगा।’’

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि सदस्यों को बात रखने का पर्याप्त समय और अवसर दें तथा उनका सम्मान हो।

लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से पूछा, ‘‘क्या आप कल की घटना को संसद की गरिमा के अनुरूप मानते हैं, क्या आप इसे न्यायोचित मानते हैं?’’

बिरला ने कहा कि संसद की गरिमा को बनाये रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है क्योंकि आप (सांसद) एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था हैं और लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने कहा कि आसन के प्रति कल कुछ सदस्यों का आचरण अनुचित था। सदस्य अपने आचरण एवं मर्यादाओं का ध्यान रखें।

इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी जिद पर अड़ी है और विपक्ष को अपनी बात नहीं रखने दे रही है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आसन और सत्ता पक्ष एवं मीडिया की ओर कागज फेंके गये। उन्होंने सवाल किया कि क्या यही तरीका है और विपक्ष के सदस्य इस पर माफी मांगने की जरूरत भी नहीं समझ रहे हैं।

इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही 11:30 बजे पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिये।

इसके बाद पीठासीन सभापति ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील की लेकिन शोर-शराबा जारी रहा। विपक्षी दलों के सदस्य ‘हम चर्चा चाहते हैं’ के नारे भी लगा रहे थे।

इसी दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे ने शून्यकाल में आरोप लगाया कि बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस की एक सदस्य ने उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

शोर-शराबा थमता नहीं देख पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर करीब 5 मिनट पर 12:30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। व्यवस्था बनते हुए नहीं देख पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ‘भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021’ को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा। सदन ने हंगामे के दौरान ही विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

इसके बाद पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अंतर्देशीय जलयान विधेयक चर्चा एवं पारित होने के लिये रखा। सदन ने बिना चर्चा के ही विधेयक को शोर-शराबे के बीच ही ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

इसके बाद पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर मौजूदा सत्र के पहले दिन से सदन में नारेबाजी कर रहे हैं। इस कारण से सदन में अब तक कामकाज बाधित रहा है और कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। बुधवार को सदन में पेगासस जासूसी मामले पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने पटल पर रखे कागज आसन और सत्तापक्ष की तरफ उछाले थे।

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