नयी दिल्ली, चार सितंबर दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद वित्तपोषण मामले में जेल में बंद लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश बुधवार को 11 सितंबर तक के लिए टाल दिया।
शेख अब्दुल रशीद को इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को बारामूला सीट पर हरा दिया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह को बुधवार को रशीद की जमानत याचिका पर आदेश पारित करना था। न्यायमूर्ति सिंह ने मामले को अगली तारीख के लिए स्थगित कर दिया और कहा कि आदेश तैयार नहीं है।
अदालत ने 28 अगस्त को बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान याचिका पर दलीलों को सुना था और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
न्यायाधीश ने 20 अगस्त को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को एक नोटिस जारी किया था और उसे याचिका पर 28 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने तिहाड़ जेल में बंद रशीद को सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए पांच जुलाई को पैरोल दी थी। रशीद ने जम्मू कश्मीर में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता है।
रशीद 2017 में आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से जेल में हैं।
रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था। वटाली को एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों का वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
एक अदालत ने मलिक को 2022 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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