शिमला, 18 मई: सर्वाधिक बार पूर्ववर्ती ‘शाही’ सदस्यों को चुनने के लिए मशहूर मंडी लोकसभा क्षेत्र में इस बार ‘सिलेब्रिटी’ कंगना रनौत और ‘शाही’ हस्ती विक्रमादित्य सिंह के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट से पहली बार किसी महिला और बॉलीवुड हस्ती को मैदान में उतारा है. भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत रामपुर के पूर्ववर्ती ‘शाही परिवार’ के वंशज और छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को टक्कर देंगी. दोनों प्रतिद्वंद्वियों ने आक्रामक अंदाज में चुनाव प्रचार किया है. मैं उस रास्ते पर नहीं चलना चाहता... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया आखिर वे क्यों नहीं करते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस.
विक्रमादित्य ने कंगना पर निशाना साधते हुए निर्वाचन क्षेत्र के विकास के बारे में उनका दृष्टिकोण पूछा. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह एक महीने के राजनीतिक पर्यटन पर हैं और चार जून के बाद अपना बोरिया-बिस्तारा बांधकर बॉलीवुड लौट जाएंगी.
इसके जवाब में कंगना ने विक्रमादित्य और राहुल गांधी का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा था कि दिल्ली में एक ‘‘बड़ा पप्पू’’ है और हिमाचल में ‘‘छोटा पप्पू’’. उन्होंने विक्रमादित्य से पूछा कि जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 250 करोड़ रुपये की शिव धन परियोजना को रोकने, मंडी विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र को कम करने और सुंदरनगर हवाई क्षेत्र परियोजना को दबाने जैसे ‘‘मंडी विरोधी फैसले’’ लिये, तब वह चुप क्यों रहे.
कंगना के मुख्य एजेंडे में दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में संपर्क सुविधा में सुधार करना और स्थानीय व्यंजनों एवं पारंपरिक परिधानों को लोकप्रिय बनाना, रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू करना और सेराज एवं करसोग में महिला केंद्रित ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल है.
दूसरी ओर, विक्रमादित्य ने कहा, ‘‘मंडी को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा.’’
उन्होंने वादा किया कि रोहतांग सुरंग की तर्ज पर जलोड़ी जोत सुरंग का निर्माण किया जाएगा और ब्यास नदी के किनारों के निर्माण के अलावा चंबा के दूरस्थ पांगी क्षेत्र को तीसा से जोड़ा जाएगा.
किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ कंगना द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के मद्देनजर संयुक्त किसान मंच ने विक्रमादित्य को अपना समर्थन दिया है.
दूसरी ओर, कंगना को अप्रत्याशित हलकों से समर्थन मिला है. मंडी से भाजपा का टिकट हासिल करने के इच्छुक रहे महेश्वर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा और 2021 के संसदीय उपचुनाव में प्रतिभा सिंह से मामूली अंतर से हारने वाले करगिल नायक ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ने कंगना का समर्थन किया है.
कंगना ने विक्रमादित्य को ‘‘बिगड़ा हुआ शहजादा’’ एवं ‘‘पलटू’’ करार दिया और कहा कि वह अपनी ही सरकार की आलोचना करते थे, लेकिन अब उसकी प्रशंसा कर रहे हैं. सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि कंगना ‘‘देवभूमि’’ से ‘‘शुद्ध’’ होकर लौटेंगी.
कंगना अपनी सेलिब्रिटी छवि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राम मंदिर के दम पर चुनाव जीतने की उम्मीद कर रही है, जबकि विक्रमादित्य अपने दिवंगत पिता वीरभद्र सिंह और कांग्रेस की प्रदेश इकाई की प्रमुख एवं मंडी से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह की विरासत के दम पर जीत की आस लगाए बैठे हैं.
मंडी में 1952 के बाद से दो उपचुनावों सहित हुए कुल 19 संसदीय चुनावों में से कांग्रेस ने 13 बार जीत हासिल की है, जिसमें वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह दोनों तीन-तीन बार जीते हैं. इसके अलावा, पूर्ववर्ती रियासतों के वंशज मंडी से 13 बार चुनाव जीते हैं जबकि ‘‘राजघराने’’ से संबंध नहीं रखने वाले उम्मीदवार छह बार चुने गए.
हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीट के लिए एक जून को मतदान होगा. मंडी लोकसभा क्षेत्र में 13,77,173 मतदाता मतदान के लिए पात्र हैं, जिनमें 6,98,666 पुरुष, 6,78,504 महिलाएं और तीन ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
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