बेंगलुरु/भोपाल, 15 दिसंबर: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को वायुसेना के एक विमान से भोपाल ले जाया जाएगा. वायुसेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी. तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के एक सप्ताह बाद बुधवार सुबह बेंगलुरु स्थित वायु सेना के कमान अस्पताल में उनका निधन हो गया. CDS Chopper Crash: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत इन नेताओं ने जताया दुख.
आठ दिसंबर को हुए इस हादसे में वायुसेना के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की मृत्यु हो गई थी, जबकि ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह इस घटना में जीवित बचे एक मात्र व्यक्ति थे.
सूत्रों ने बताया कि सिंह के पार्थिव शरीर को कल सुबह 10 बजे अस्पताल से वायु सेना स्टेशन, येलहांका ले जाया जाएगा, जहां दिवंगत सैन्य अधिकारी को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी. उन्होंने कहा कि येलहांका से पार्थिव शरीर को हवाई मार्ग से भोपाल ले जाया जाएगा और अंतिम संस्कार 17 दिसंबर को किया जाएगा.
सिंह हादसे में 80 प्रतिशत झुलस गये थे. शुरूआत में उन्हें तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के वेलिंगटन स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में बेहतर उपचार के लिए नौ दिसंबर की शाम को उन्हें बेंगलुरु के कमान अस्पताल ले जाया गया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि देश ने एक बहादुर सैनिक खो दिया है. उन्होंने कहा, “ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन से बेहद दुखी हूं. देश ने एक बहादुर सैनिक खो दिया. मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यकत करता हूं.”
वायुसेना अधिकारी के निधन की खबर मिलते ही मित्र और परिवार के शुभचिंतक भोपाल में उनके आवास पर पहुंचने लगे. सिंह के पिता उनके जीवित रहने के कौशल के बारे में बहुत आशावादी थे क्योंकि वह पिछले साल एक उड़ान के दौरान तेजस विमान उड़ाते समय एक जानलेवा आपात स्थिति से सकुशल बच गए थे.
वायु योद्धा को इस साल अगस्त में अनुकरणीय संयम और कौशल प्रदर्शित करने के लिए भारत के तीसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. सिंह के शौर्य चक्र के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि एक खतरनाक स्थिति में अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव के बावजूद, उन्होंने अनुकरणीय संयम बनाए रखा और असाधारण उड़ान कौशल का प्रदर्शन करते हुए विमान को बचाया.
उत्कृष्ट ‘टेस्ट पायलट’ माने जाने वाले 39 वर्षीय ग्रुप कैप्टन के परिवार में पत्नी, 11 वर्षीय बेटा और आठ वर्षीय बेटी है. सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) के.पी. सिंह ‘आर्मी एअर डिफेंस’ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सिंह का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला है, जो अभी भोपाल में रहता है.
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