नयी दिल्ली, 17 अप्रैल : जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) के सी ब्लॉक में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद रविवार को तनावपूर्ण शांति रही. शनिवार को हुई हिंसा के केंद्र सी ब्लॉक में पुलिस बल की भारी मौजूदगी रही और जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन के पास की दुकानें तथा बाजार रविवार को हमेशा की तरह खुले. हिंसा में एक स्थानीय व्यक्ति और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. सी ब्लॉक के निवासी शेख अमजद ने कहा कि कल शाम जब हिंसा भड़की तो वह सी ब्लॉक में मस्जिद के अंदर थे. उन्होंने कहा, "वे (हनुमान जयंती जुलूस में शामिल लोग) 'जय श्री राम' बोल रहे थे और भड़काऊ नारे लगा रहे थे. वे जबरन मस्जिद में घुस गए और इसके परिसर में भगवा झंडे लगाने लगे. वे हमें तलवार दिखाकर धमका रहे थे ... तभी पथराव शुरू हुआ. जहांगीरपुरी में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई."
अमजद ने दावा किया कि करीब 50 लोग जबरन मस्जिद में घुस गए. मस्जिद के पास सी और डी ब्लॉक तथा इसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हर 200 मीटर की दूरी पर अवरोधक लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके बावजूद मस्जिद के आसपास की दुकानें बंद रहीं. मनोज कुमार ने कहा कि जब हिंसा हुई तब वह सी ब्लॉक में अपनी दुकान पर थे. कुमार ने दावा किया, "मैंने लोगों को चिल्लाते और अपने घरों के अंदर भागते देखा... पहले मैंने यहां समुदायों के बीच मौखिक तकरार देखी है. यह भी पढ़ें : Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी हिंसा में गिरफ्तार अंसार की पत्नी बोली- पति बेकसूर, उसे फंसाया जा रहा
जुलूस में लोग हथियार लेकर चल रहे थे लेकिन पथराव पहले मुसलमानों ने किया." पुलिस के मुताबिक, दो समुदायों के बीच झड़प के दौरान पथराव और आगजनी हुई तथा कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने हिंसा के मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. मस्जिद के पास सी ब्लॉक निवासी दुकानदार मुकेश ने कहा कि जिन लोगों ने इलाके में शांति भंग करने की कोशिश की, वे बाहरी रहे होंगे. मुकेश ने कहा, "मैं यहां पिछले 35 साल से रह रहा हूं लेकिन इस इलाके में इस तरह की हिंसा कभी नहीं देखी. हिंदू और मुसलमान यहां शांति से रहते हैं. जुलूस में जो लोग शामिल थे, वे बाहरी रहे होंगे, न कि जहांगीरपुरी के स्थानीय लोग."