देश की खबरें | तमिलनाडु: अदालत ने एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर फैसला सुरक्षित रखा

चेन्नई, 25 अगस्त मद्रास उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) नेता एडप्पाडी के पलानीस्वामी (ईपीएस) की उस अपील पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई है।

एकल न्यायाधीश ने अन्य चीजों के अलावा पार्टी की आम परिषद (जीसी) की 11 जुलाई को हुई बैठक में स्वीकार किए गए प्रस्तावों को अमान्य करार दिया था और दोनों पक्षों को 23 जून, 2022 की यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया था। दूसरा पक्ष ओ. पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाला है।

न्यायमूर्ति एम. दुरईस्वामी और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की पीठ ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ वकीलों की व्यापक दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।

शुरुआत में, पीठ ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ वकीलों से कहा कि वे एक-एक घंटे में अपनी दलीलें पूरी करें।

वरिष्ठ अधिवक्ताओं विजय नारायण, अरियामा सुंदरम और सी. एस. वैद्यनाथन ने ईपीएस की ओर से दलीलें पेश कीं और कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश में खामियां हैं।

पनीरसेल्वम का प्रतिनिधित्व करने वाले गुरु कृष्णकुमार और पी. एच. अरविंद पांडियन और जीसी सदस्य पी. वैरामुथु के वकील श्रीराम ने न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन के आदेश के समर्थन में दलीलों को सामने रखा।

संबंधित पक्षों को अपनी लिखित दलीलें दायर करने का निर्देश देने के बाद, पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

ईपीएस ने न्यायमूर्ति जयचंद्रन के उस आदेश के खिलाफ अपील की थी जिसमें 23 जून को यथास्थिति का निर्देश देने के अलावा 11 जुलाई की जीसी बैठक और उसके फैसलों को अमान्य घोषित किया गया था।

अन्नाद्रमुक की 11 जुलाई की बैठक में पनीरसेल्वम और उनके कुछ समर्थकों को पार्टी से निष्कासित करने तथा उनके प्रतिद्वंद्वी के पलानीस्वामी को पार्टी के अंतरिम महासचिव नियुक्त करने संबंधी फैसले किये गये थे।

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