देश की खबरें | बकाया विवाद के निपटारे को बैंक से वार्ता जारी: सुपरटेक के पूर्व प्रबंधन ने न्यायालय से कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह बकाया भुगतान संबंधी विवाद को सुलझाने के लिए वित्तीय लेनदार 'यूनियन बैंक ऑफ इंडिया' के साथ बातचीत कर रही है।
नयी दिल्ली, छह मई रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह बकाया भुगतान संबंधी विवाद को सुलझाने के लिए वित्तीय लेनदार 'यूनियन बैंक ऑफ इंडिया' के साथ बातचीत कर रही है।
न्याय मित्र गौरव अग्रवाल ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि एमराल्ड कोर्ट परियोजना के गिराए जाने वाले ट्विन टावर्स के घर खरीदारों को पैसे वापस करने के लिए सुपरटेक लिमिटेड के बैंक खाते में पर्याप्त रकम नहीं है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने अग्रवाल से कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार ट्विन टावर्स के घर खरीदारों को भुगतान करने के लिए कोई रास्ता निकालना होगा।
अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने अदालत के निर्देशानुसार सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें ऐसे 107 घर खरीदारों की सूची दी गई है, जिन्हें राशि लौटाना शेष है।
उन्होंने कहा, ''अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) ने रिपोर्ट में कहा है कि ट्विन टावर्स के घर खरीदारों को भुगतान करने के लिए कंपनी के बैंक खातों में पर्याप्त धनराशि नहीं है।''
अग्रवाल ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि रियल एस्टेट कंपनी के पूर्ववर्ती प्रबंधन ने 25 मार्च, 2022 को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई 17 मई के लिए सूचीबद्ध है। एनसीएलटी द्वारा सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ कारपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू की गई है।
उन्होंने कहा, ''मुझे यह भी बताया गया है कि पूर्ववर्ती प्रबंधन वित्तीय लेनदार -यूनियन बैंक ऑफ इंडिया- के साथ विवाद को निपटाने की कोशिश कर रहा है, जिसके आवेदन पर दिवाला प्रक्रिया शुरू की गई है।''
अग्रवाल ने कहा कि अगर बैंक के साथ समस्या का समाधान हो जाता है, तो 711 में से 107 घर खरीदारों की स्थिति दोबारा वही हो जाएगी जो दिवाला प्रक्रिया शुरू होने से पहले थी।
सुपरटेक लिमिटेड के पूर्ववर्ती प्रबंधन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस गणेश ने कहा कि उन्होंने बैंक के साथ कई दौर की बैठकें की हैं और बकाया राशि के विवाद को सुलझाने के लिए और बैठकें होने की संभावना है।
गणेश ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि एनसीएलएटी में सुनवाई की अगली तारीख से पहले इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।''
इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय की।
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