देश की खबरें | वनडे में जोखिम लेकर खेलना मेरी व्यक्तिगत पसंद है : रोहित शर्मा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी में एक अलग आयाम जोड़ने के लिए आक्रामकता के साथ सतर्कता बरती और वह इससे मिले नतीजों से खुश भी हैं, भले ही इसके कारण वह बड़े शतक जड़ने से महरूम रह गये हों।

नयी दिल्ली, 29 अगस्त रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी में एक अलग आयाम जोड़ने के लिए आक्रामकता के साथ सतर्कता बरती और वह इससे मिले नतीजों से खुश भी हैं, भले ही इसके कारण वह बड़े शतक जड़ने से महरूम रह गये हों।

विश्व कप 2019 के अंत तक रोहित ने 27 शतक बनाये थे लेकिन पिछले चार वर्षों में वह इनमें केवल तीन और सैकड़े ही जोड़ पाये हैं। रोहित का मानना है कि ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान जोखिम उठाने शुरु कर दिये हैं।

रोहित ने पीटीआई से ‘एक्सक्लूसिव’ साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं ज्यादा जोखिम लेना चाहता था इसलिये मेरे शतकों की संख्या अब थोड़ी अलग है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा (वनडे) स्ट्राइक रेट (इस दौरान) बढ़ गया लेकिन औसत थोड़ा कम हो गया। हमारे बल्लेबाजी कोच (विक्रम राठौड़) मुझे यही बता रहे थे। ’’

रोहित एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन दोहरे शतक (आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में 209 रन, श्रीलंका के खिलाफ 2014 में 264 रन, श्रीलंका के खिलाफ 2017 में नाबाद 208 रन) जड़े हैं। उनकी अंतिम 150 रन से ज्यादा की पारी 2019 में विशाखापट्टनम में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनी।

रोहित ने कहा कि उन्हें इस दौरान कहीं कहीं समझौता भी करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा करियर स्ट्राइक रेट करीब 90 (89.97) था लेकिन पिछले दो वर्षो में अगर आप मेरे स्कोर देखो और स्ट्राइक रेट को देखो तो यह 105-110 के करीब रहा है। इसलिये कहीं न कहीं आपको समझौता करना पड़ता है। ऐसा संभव नहीं है कि औसत 55 का हो और स्ट्राइक रेट 110 का। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जोखिम उठाना पूरी तरह से मेरी पसंद रही। मेरी सामान्य बल्लेबाजी अब भी मेरे अंदर है लेकिन मैं कुछ और आजमाना चाहता था। मैं नतीजे से भी खुश हूं। ’’

बल्कि उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में बदलाव के बारे में टीम प्रबंधन को अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई लंबे समय तक बल्लेबाजी करना चाहता है और 150 या 170 रन बनाना चाहता है। मैं अब भी ऐसा करना चाहता हूं लेकिन हमेशा ऐसा करना अच्छा होता है जो आपने कभी नहीं किया हो। यह आपकी बल्लेबाजी योग्यता में ही जुड़ता है। जब तक आप करोगे नहीं, आप इसके बारे में जानोगे नहीं। ’’

रोहित ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि अगर मैं जोखिम भरे शॉट खेलता हूं तो मैं कुछ दफा आउट हो जाऊंगा लेकिन मुझे कोई परेशानी नहीं थी। मैंने टीम प्रबंधन को बता दिया था कि मैं इसी तरह से खेलना चाहता हूं। ’’

भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर जिस तरह के ट्रैक पर खेलती है, वे बल्लेबाजों के मुफीद नहीं हैं और भारतीय कप्तान पिछले कुछ समय से सबसे निरंतर टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मेरी हाल की टेस्ट पारियों को देखो। मैं आपको बता सकता हूं कि अब भारत में बल्लेबाजी करना विदेश में बल्लेबाजी करने से ज्यादा मुश्किल है, विशेषकर पिछले दो तीन वर्षों में ऐसा हो गया है। ’’

रोहित ने कहा, ‘‘हम जिन पिचों पर खेलते हैं, वे विदेशों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं। इसलिये हमने बल्लेबाजी इकाई के रन और औसत के बारे में बात नहीं की है। हम सभी सहमत हुए कि हम चुनौतीपूर्ण पिचों पर खेलना चाहते हैं। मैं इस बात की चिंता नहीं करना चाहता कि हमारा औसत कैसा रहेगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा ही सोचता हूं लेकिन विभिन्न खिलाड़ियों के सोचने की प्रक्रिया अलग है और मैं इसे बदलना नहीं चाहता। मैं ऐसी पिचों पर खेलूंगा जो हमारे गेंदबाजों के लिए फायदेमंद रहें। ’’

रोहित 11 साल तक मुंबई इंडियंस की कप्तानी कर चुके हैं और करीब दो साल से राष्ट्रीय टीम की अगुआई कर रहे हैं।

तो क्या कप्तानों का कार्यकाल होता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘‘कार्यकाल जैसी कोई चीज नहीं होती। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको एक जिम्मेदारी मिलती है, आप नतीजा हासिल करते हो और सबसे महत्वपूर्ण कि आपको जो जिम्मेदारी दी गयी है, उससे आप खुश हो। कार्यकाल की तुलना में यह सबसे अहम सवाल है। ’’

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