वू ने ताइपे में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र की यथास्थिति में बदलाव करना चाहता है और दूसरे देशों को ताइवान की मदद करने से रोकना चाहता है।
वहीं, ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास चीन के सैन्य अभ्यास के जवाब में ताइवान ने भी सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है।
चीन का कहना है कि उसने पिछले सप्ताह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में सैन्य अभ्यास शुरू किया था, लेकिन वू ने कहा कि चीन उनकी यात्रा को एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
पेलोसी की यात्रा के बाद चीन ने ताइवान की ओर से कुछ खाद्य सामग्रियों के आयात पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा उसने जलवायु परिवर्तन समेत कई मुद्दों को लेकर अमेरिका के साथ संवाद बंद कर दिया है।
वू ने कहा कि चीन यथास्थिति में बदलाव करना और ताइवान पर आक्रमण करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि चीन का अभ्यास ताइवान पर आक्रमण की तैयारी है, जिसके जरिए चीन यह चाहता है कि अन्य देश ताइवान की मदद के लिए आगे न आएं।
वू ने कहा कि यह अभ्यास ''ताइवान से परे चीन की भूराजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भी दर्शाता'' है।
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है। वह लंबे से कहता आया है कि अगर जरूरत पड़ी तो ताइवान को बलपूर्वक मुख्य भूमि चीन में शामिल किया जा सकता है। चीन विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता रहा है। साथ ही वह ताइवान के बारे में किसी भी टिप्पणी पर तुरंत प्रतिक्रिया देता रहा है।
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