ये टिप्पणी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के तहत ताइवान के चीन के साथ संबंधों या अमेरिका के साथ चीन के संबंधों के भविष्य के लिहाज से अच्छा संकेत नहीं थीं।
अमेरिका ने कहा कि उसने दो पूर्व अधिकारियों को चुनाव के बाद नेताओं के साथ बैठकों के लिए इस सप्ताह ताइवान जाने के लिए कहा है। यह एक ऐसा कदम जिससे चीन नाराज हो सकता है।
ताइवान में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्टीफन हेडली और पूर्व उप विदेश मंत्री जेम्स स्टीनबर्ग सोमवार को ताइपे पहुंचेंगे और मंगलवार को बैठक करेंगे। यह संस्थान वस्तुत: अमेरिकी दूतावास है, क्योंकि अमेरिका के ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं।
लाई की जीत का मतलब है कि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी राष्ट्रपति साई इंग-वेन के आठ साल के कार्यकाल के बाद तीसरे चार साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद पर बनी रहेगी। चीन इस पार्टी का कड़ा विरोध करता है और यह पार्टी 2.3 करोड़ की जनसंख्या वाले इस द्वीप को नियंत्रण में लाने के उसके लक्ष्य में एक बड़ी बाधा है।
ताइवान के विदेश मंत्रालय के एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय और उसके ताइवान मामलों के कार्यालय पर चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद शनिवार रात जारी किए गए संबंधित बयानों में झूठ बोलने का आरोप लगाया गया।
इसने विशेष रूप से चीन द्वारा बार-बार दोहराई जाने वाली बात को मुद्दा बनाया कि ताइवान एक घरेलू चीनी मुद्दा है। चीन ताइवान को एक विद्रोही प्रांत मानता है और कहता है कि उसका कोई विदेश मंत्रालय नहीं होना चाहिए, साथ ही अन्य देशों की सरकारों के साथ कोई आधिकारिक संबंध भी नहीं होना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि "ताइवान का सवाल चीन का आंतरिक मामला है। ताइवान में जो भी बदलाव होंगे, यह मूल तथ्य नहीं बदलेगा कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताइवान चीन का हिस्सा है।’’
ताइवान के बयान में कहा गया है, ‘‘यह बयान ‘‘अंतरराष्ट्रीय समझ और ताइवान-चीन के बीच वर्तमान स्थिति के साथ पूरी तरह से असंगत है। यह वैश्विक लोकतांत्रिक समुदायों की अपेक्षाओं के विरुद्ध है और ताइवान के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की इच्छा के विरुद्ध है। ऐसी घिसी-पिटी बातें खंडन करने लायक नहीं हैं।’’
लाई मई में पदभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में 40 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की, जो 2020 में साई द्वारा हासिल स्पष्ट बहुमत से कम है। उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने विधायिका में अपना बहुमत खो दिया और कुओमिनतांग या नेशनलिस्ट पार्टी से एक सीट कम हासिल की।
चीन में ताइवान मामलों के कार्यालय के बयान में कहा गया है कि नतीजों से पता चलता है कि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी द्वीप पर मुख्यधारा की जनता की राय का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
स्टेट काउंसिल ताइवान अफेयर्स ऑफिस के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने एक लिखित बयान में कहा, "ताइवान मुद्दे को हल करने और राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करने पर हमारा रुख बरकरार है और हम दृढ़ संकल्पित हैं।’’
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में चीन से "चुनाव परिणामों का सम्मान करने, वास्तविकता का सामना करने और ताइवान का दमन छोड़ने" का आह्वान किया।
चीनी सेना ताइवान के पास आसमान में लड़ाकू विमान और पानी में युद्धपोत नियमित रूप से भेजती है। किसी संघर्ष की स्थिति में अमेरिका भी शामिल हो सकता है, जो ताइवान की रक्षा के लिए सैन्य उपकरणों का मुख्य आपूर्तिकर्ता है।
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